पटना. करबिगहिया स्थित रेलवे की केंद्रीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बाहरी रोगियों की कोरोना जांच नहीं हो रही है. इससे रेलकर्मियों को काफी परेशानी है. रेल कर्मी अपना इलाज कराने के लिए दूसरे अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं.
जानकारों के अनुसार अस्पताल में भर्ती से पहले और ऑपरेशन होनेवाले रोगियों की कोरोना जांच की जा रही है. ऐसे रोगियों को शाम तीन बजे सैंपल देना पड़ता है. इसके बाद किसी प्राइवेट लैब में जांच करा कर रिपोर्ट दी जाती है.
अस्पताल में आरटीपीसीआर की जांच की सुविधा नहीं है. नाम नहीं छापने की शर्त पर रेलकर्मी ने बताया कि एंटीजन टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद कोई भी डॉक्टर इलाज नहीं करते हैं. साथ ही कोरोना पाॅजिटिव होने की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर जांच लिखने का आग्रह करने पर भी जांच नहीं करायी जाती है. अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचनेवाले रोगियों को दवा भी मिल नहीं रही है.
अस्पताल में केवल दूसरा खुराक लेनेवाले को वैक्सीन दी जा रही है. पहले खुराक की वैक्सीन के लिए नया निबंधन नहीं हो रहा है. इससे बड़ी संख्या में रेलकर्मी कोविड वैक्सीन लेने से वंचित है. रेलकर्मियों ने बताया कि नया निबंधन नहीं होने से अस्पताल से लौटना पड़ रहा हे. कई रेलकर्मी प्राइवेट अस्पताल में जाकर वैक्सीन ले रहे हैं.
अस्पताल के प्रबंध निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि जरूरत पड़ने पर बाहरी रोगियों का भी कोरोना जांच होती है. दूसरा खुराक लेनेवाले को समय पर वैक्सीन मिल जाये, इसका ख्याल रखा जा रहा है.
Posted by Ashish Jha