पटना. शहर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित वेंटिलेटर बेड में से करीब 60 प्रतिशत से अधिक फुल हो चुके हैं. स्वास्थ्य से जुड़े जानकारों के मुताबिक शहर में वर्तमान में कोरोना के मरीजों के लिए करीब 300 से अधिक वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं, जिनमें करीब 60 प्रतिशत बेड पर मरीजों का इलाज चल रहा है. मरीजों के लिए आइसीयू में भी बेड आरक्षित किये गये हैं.
एनएमसीएच में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने एमसीएच विंग में हुई व्यवस्था का जायजा लिया. अस्पताल के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में बने नये भवन एमसीएच विंग का भी निरीक्षण करते हुए प्रधान सचिव ने कोविड मरीजों के लिए वहां लगाये गये बेड व उपलब्ध कराये गये संसाधनों का निरीक्षण किया.
प्रधान सचिव ने कहा कि मरीजों की बढ़ते तादाद को देखते हुए यहां पर भी भर्ती करने का कार्य करें. इसके लिए जो आवश्यक संसाधन है, वो भी विभाग से मुहैया कराया जायेगा. अस्पताल में 100 बेड कोविड मरीजों के लिए रखे गये हैं.
पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद सोमवार की देर रात एम्स, पटना में भर्ती कराया गया. मुख्य न्यायाधीश ने कोरोना से बचाव के लिए पिछले दिनों पटना के आइजीआइएमएस में वैक्सीन भी ली थी.
कोरोना का अटैक बेहत खतरनाक होते जा रहा है. वायरस दोबारा अटैक कर रहा है. मंगलवार को शहर में छह स्वास्थ्य कर्मियों पर कोरोना ने दोबारा अटैक किया है. वहीं जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि जयप्रभा अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के छह स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का दोबारा अटैक आया है.
पटना जंक्शन पर मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं. इसके अलावा एक अन्य कर्मी को भी तेज बुखार आने की शिकायत मिली है. आरक्षण टिकट काउंटर में कर्मियों के लगातार कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने के बाद कर्मियों में दहशत व्याप्त है. कर्मियों को कार्यालय आने में भय लग रहा है.
Posted by Ashish Jha