Coronavirus in Bihar : कोई तड़प-तड़प कर हॉस्पिटल के गेट पर तोड़ा दम, तो पिता की जिंदगी बचाने को बेटा करने लगा इलाज

भइया मेरी मां मर गयी... नहीं बचा पाये उनको. यह कहते-कहते वह जमीन पर बैठ गया शख्स. आसपास उसके परिजन उसे संभाल रहे हैं. बेटे के हाथ में मां के इलाज की सारी रिपोर्ट.

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2021 8:06 AM

पटना . भइया मेरी मां मर गयी… नहीं बचा पाये उनको. यह कहते-कहते वह जमीन पर बैठ गया शख्स. आसपास उसके परिजन उसे संभाल रहे हैं. बेटे के हाथ में मां के इलाज की सारी रिपोर्ट. इतने में एक व्यक्ति ने महिला की फोटो खींचनी चाही तो उसे युवक ने दौड़ा दिया. लोगों ने जैसे-तैसे उसे संभाला.

आंखों में गुस्सा था पर वह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के लिए था या फिर अपने आप किसी को कुछ नहीं पता. कोई उसके पास जाकर यह जानने की कोशिश भी नहीं कर रहा था कि आखिर यह सब कैसे हुआ. यह सारा दृश्य पीएमसीएच इमरजेंसी वार्ड के सामने का है. जानकारी के अनुसार एक शख्स अपनी कोरोना पॉजिटिव मां का इलाज कंकड़बाग के किसी निजी अस्पताल में करा रहा था.

ऑक्सीजन की कमी से रेफर किया

सोमवार को अस्पताल प्रशासन ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. कहा कि ऑक्सीजन नहीं है. खराब हालत में शख्स जब पीएमसीएच पहुंचा, तो प्रक्रिया करते-करते महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.

इधर, मां की जान बचाने की लाख मिन्नतें भी काम नहीं आयीं, जैसे ही किसी ने बेटे को यह बताया कि मां अब नहीं रही, तो उसके होश उड़ गये. वह दहाड़ मार-मारकर रोने लगा. रोते-रोते जमीन पर गिर गया.

पिता की जिंदगी बचाने को बेटा करने लगा इलाज

एनएमसीएच में सोमवार को ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देख लोगों का दिल पसीज गया. जब एक बेटा अपने पिता को बचाने के लिए खुद डॉक्टर बन गया. दरअसल ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद एक शख्स अपने पिता को स्कूटी से इलाज के लिए एनएमसीएच लेकर आया. वह गेट पर पहुंचा ही था कि उसके पिता स्कूटी से नीचे गिर गये.

बेटा घबरा गया और स्कूटी को पटक दिया और पिता के चेस्ट को जोर-जोर से पंप करने लगा. आंखों में आंसू और पिता को अपने से दूर होने का डर साफ तौर पर बेटे के चेहरे पर दिख रहा था. एक तरफ पिता के चेस्ट को जोर-जोर से दबा रहा था, वहीं दूसरी ओर डॉक्टर-डॉक्टर चिल्ला रहे शख्स को देख कर लोगों की आंखों में आंसू आ गये.

करीब पांच मिनट के बाद मौके पर पहुंचे डॉक्टरों ने वृद्ध व्यक्ति को जल्दी-जल्दी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया. इसके बाद बेटा जोर-जोर से रोने लगा. फोन कर घरवालों को बताने लगा कि पिता जी की हालत बहुत खराब है.

Posted by Ashish Jha

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