Coronavirus in Bihar : टीबी-अस्थमा के रोगी सावधान, कोरोना पड़ सकता है भारी, जानिये बचने के उपाय
कोरोना वायरस की लहर अभी तेज है. सांस से जुड़े रोगी को विशेष सावधानी की जरूरत है. अस्थमा और टीबी के रोगी पूरी तरह से परहेज में रहे. किसी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है.
भागलपुर. कोरोना वायरस की लहर अभी तेज है. सांस से जुड़े रोगी को विशेष सावधानी की जरूरत है. अस्थमा और टीबी के रोगी पूरी तरह से परहेज में रहे. किसी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है. ऐसे रोगी के शरीर की रोग निरोधक क्षमता कम हो जाती है.
वह कोरोना वायरस के चपेट में जल्दी आ सकते हैं. यह कहना है चिकित्सक डॉ अमित आनंद का. उन्होंने अस्थमा और टीबी से जुड़े सवालों का विस्तार से जवाब दिया. कैसे वायरस से बचा जा सकता है, इसके बारे में भी बताया.
डॉ अमित ने बताया कि अस्थमा को दमा बीमारी के रूप में हम लोग जानते हैं. यह बीमारी उन लोगों को होती है, जिनकी श्वसन प्रणाली बेहतर कार्य नहीं करती है. इस रोग में श्वास नली में सूजन आ जाता है. इससे अस्थमा मरीज को पर्याप्त मात्रा में फेफड़े में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिससे मरीज की सांसे फूलने लगती है.
कोरोना वायरस से अस्थमा के मरीजों को ज्यादा खतरा है. ऐसे रोगी को कोरोना अगर हो जाता है, तो जोखिम हो सकता है. ऐसे लोग कोशिश करें, जहां तक संभव हो अपने घर में ही रहे. संक्रमण से हर हाल में बचे और कोरोना के गाइड लाइन का शत प्रतिशत पालन करें.
कोरोना वायरस से टीबी रोगी को भी सतर्क रहने की जरूरत है. टीबी और कोरोना दोनों रोग खांसी से ही आरंभ होता है. जो मरीज पहले से टीबी से पीड़ित है, वह हर हाल में रोज दवा का सेवन करे. जिसे लगातार सूखी खांसी के साथ बुखार हो, तो तुरंत अस्पताल में जांच कराये.
टीबी और अस्थमा रोगी के लिए डॉक्टर की सलाह
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सार्वजनिक जगहों, भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर रहें.
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ज्यादा प्रोटीन युक्त भोजन व विटामिन का प्रयोग करें.
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लोगों से बात करने के दौरान पर्याप्त दूरी बनाये रखें.
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सार्वजनिक यातायात का प्रयोग नहीं, घर से काम करें.
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दोस्तों रिश्तेदारों से मिलने से बचे. फोन पर ही बात करें.
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साबुन पानी से निरंतर 20 सेंकेंड कम से कम हाथ धोएं.
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अल्कोहल से बचे, यह रोग निरोधक क्षमता कम करता है.
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खाने से पूर्व शौचालय के बाद अच्छे से हाथ को साफ करें.
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घर में आये बाहरी व्यक्ति व उसका सामान कभी शेयर नहीं करें.
कोरोना और टीबी के यह हैं लक्षण
कोरोना में लगातार सूखी खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी होती है. टीबी में खांसी, बुखार, वजन घटना, भूख नहीं लगना, पसीना आना, बहुत ज्याद थकान, बलगम से खून आता है. यह लक्षण कई सप्ताह तक रोगी के अंदर रहता है. कोरोना का लक्षण तेजी से आता है और 14 दिन में खत्म हो जाता है.
टीबी मरीज इस तरह समझ सकते हैं संक्रमण
डॉ अमित ने बताया कि टीबी मरीज और कोरोना पॉजिटिव मरीज का प्रारंभिक लक्षण लगभग समान होता है. ऐसे में मरीज को कोरोना होने पर क्या-क्या लक्षण होता है, इसकी जानकारी होनी चाहिए. जैसे खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और कोरोना जांच कराएं.
टीबी मरीज को कोरोना हो जाता है, तो क्या करें
यदि आपको पता चलता है कि कोरोना वायरस के शिकार हो गये है. ऐसे में बिना देर किये तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे. टीबी की दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर को इसके बारे में तुरंत बतायें. डॉक्टर को टीबी के साथ कोरोना का इलाज करने में आसानी होगा. यहीं काम अस्थमा मरीज को भी करना चाहिए. परेशानी होने पर तुरंत जांच करायें.
टीबी ठीक होने के बाद क्या कोरोना हो सकता है
यदि पूर्व से टीबी रोग से पीड़ित थे. इलाज के बाद रोगी पूरी तरह से ठीक हो चुका है. इसके बाद भी कोरोना होने की खतरा होता है. यदि रोगी का फेफड़ा टीबी से खराब हो चुका है या सर्जरी हुआ है, तो कोरोना होने की संभावना ज्याद होती है.
Posted by Ashish Jha