आनंद तिवारी, पटना . राजधानी में बीते 13 दिनों से कोरोना संक्रमण के रोजाना 500 से लेकर 1400 मामले आ रहे हैं. गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. इससे शहर के पीएमसीएच, एम्स और एनएमसीएच समेत कई निजी अस्पतालों में भी आइसीयू व वेंटिलेटर बेड भर चुके हैं.
खासकर इन तीनों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित आइसीयू 85% व जबकि वेंटिलेटर बेड 90% भर चुके हैं. वहीं, सामान्य आइसीयू के करीब 30% बेड ही खाली हैं.
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि मरीजों के हिसाब से बेड की संख्या बढ़ायी जा रही है. 15 अप्रैल से आइजीआइएमएस में 50 बेड का आइसीयू व एम्स, पीएमसीएच व एनएमसीएच में भी 20 से 40 बेड बढ़ जायेंगे.
दो सप्ताह में अस्पतालों में भर्ती हुए करीब 700 से अधिक मरीज : पीएमसीएच, एनएमसीएच व पटना एम्स में बीते दो सप्ताह में करीब 700 मरीज भर्ती हुए हैं. औसतन तीनों अस्पतालों में रोजाना 13 से 18 के बीच नये मरीज भर्ती होते हैं और इतने ही पुराने मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो रहे हैं.
अकेले पटना जिले में इस समय सात हजार से अधिक एक्टिव केस हैं. बेड कम व मरीजों की संख्या अधिक होने से महज तीन प्रतिशत मरीज ही सरकारी अस्पतालों में भर्ती हो पा रहे हैं, जबकि बाकी मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं या फिर होम आइसोलेट हैं.
पूरे बिहार में अब तक 1616 मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है, जबकि पटना में 498 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. पंद्रह दिनों में पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स व बाकी प्राइवेट अस्पताल मिलाकर 76 मरीजों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोविड अस्पतालों में अब भी 40% सामान्य बेड खाली हैं. हालांकि कोविड वार्ड के साथ ही आइसीयू और वेंटिलेटर बेड भर रहे हैं.
आइजीआइएमएस में 50 बेड का आइसीयू कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व रखने का आदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिया गया है. 15 अप्रैल से आइजीआइएमएस के आइसीयू में मरीजों का भर्ती होने का सिलसिला जारी हो जायेगा.
Posted by Ashish Jha