पटना. राज्य में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की संख्या को तीन लाख मानते हुए उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही अब बिहार में कोरोना से मरने वालों का सरकार अपने खर्च पर अंतिम संस्कार करायेगी.
आमिर सुबहानी ने कहा कि वैसे संक्रमित लोगों का भी राज्य सरकार अंतिम संस्कार करवायेगी, जिनमें कोई लक्षण नहीं था. इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग को समुचित व्यवस्था करने को कहा गया है.
पटना में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सभी वेंटिलेटरों को चालू करने का आदेश दे दिया गया है. इन वेंटिलेटरों का संचालन डीएम प्राइवेट सेक्टर की मदद से करवा सकते हैं. स्थानीय स्तर पर वे इसके लिए व्यवस्था करेंगे. साथ ही कई अस्पतालों को कोरोना के तौर पर खासतौर से चिह्नित करते हुए खोला जा रहा है.
मुजफ्फरपुर समेत कई स्थानों पर सिर्फ कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल खोले जायेंगे. इनमें डॉक्टर, नर्स, आयुष चिकित्सक, आयुर्वेद चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन समेत अन्य सभी कर्मियों की नियुक्ति वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिये एक वर्ष के लिए संविदा पर की जायेगी. सभी क्षेत्रों से रिटायर्ड डॉक्टरों की भी नियुक्ति की जायेगी. उन्होंने कहा कि जांच की संख्या बढ़ाने के लिए भी मानव बल को बढ़ाया जायेगा.
विकास आयुक्त ने बताया कि कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन स्वास्थ्य महकमा अपने स्तर से उपलब्ध करायेगा. इस इंजेक्शन के 14 हजार डोज बिहार को मिल गये हैं. एक निश्चित प्रक्रिया को पूरी करने के बाद संबंधित जरूरतमंदों को यह मुहैया कराया जायेगा.
निजी एंबुलेंस किसी मरीज से मनमाना किराया की वसूली नहीं कर सकें, इसके लिए एक कमेटी बनायी गयी है. सरकार भी जरूरत के हिसाब से कई एंबुलेंस किराये पर ले रही है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर को भी ज्यादा सशक्त तरीके से चालू किया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha