Coronavirus in Bihar : बिहार में मरने के बाद भी खत्म नहीं हो रहा इंतजार, दाह संस्कार के बाद आ रही है मरीज की आरटीपीसीआर रिपोर्ट
जिले में आरटीपीसीआर से लिये गये कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट देने में लापरवाही बरती जा रही है. लेटलतीफी का आलम यह है कि कई ऐसे मरीज हैं, जिनकी मौत हो गयी. परिजनों ने उनका दाह संस्कार कर दिया.
मुजफ्फरपुर. जिले में आरटीपीसीआर से लिये गये कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट देने में लापरवाही बरती जा रही है. लेटलतीफी का आलम यह है कि कई ऐसे मरीज हैं, जिनकी मौत हो गयी. परिजनों ने उनका दाह संस्कार कर दिया. उसके बाद उनके मोबाइल पर पॉजिटिव होने रिपोर्ट आयी है.
कुढ़नी प्रखंड के एक गांव के ठेकेदार और शिक्षक के साथ इसी तरह की घटना हुई है. दोनों की मौत कोरोना से हो गयी. शुरुआती लक्षण दिखने के बाद उन्हें लगा कि यह सामान्य बुखार, खांसी है. तो अधिक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्होंने कोरोना जांच करायी.
शिक्षक ने आरटीपीसीआर जांच सरकारी स्तर और ठेकेदार ने निजी लैब में जांच करायी. शिक्षक की मौत होने के बाद उनके मोबाइल पर पॉजिटिव होने का मैसेज आया. इस घटना में उनके पिता की भी श्राद्ध कर्म के दिन ही मौत हो गयी.
वही ठेकेदार भी आरटीपीसीआर जांच कराने के बाद घर पहुंचे तो उनकी स्थिति नाजुक हो गयी. सांस लेने में तकलीफ होने लगी. परिजन उन्हें लेकर शहर के अस्पताल में भर्ती कराने निकले. लेकिन निजी अस्पताल ने बेड और ऑक्सीजन की कमी के कारण उन्हें भर्ती नहीं लिया. इस बीच ऑक्सीजन लेबल काफी नीचे गिर गया.
एसकेएमसीएच में भर्ती होने के दौरान उनकी मौत हो गयी. परिजनों ने गांव में शव लाकर दाह संस्कार भी कर दिया. इसमें कई लोग शामिल भी हुए. अगले दिन शाम में मृतक के मोबाइल पर कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आयी, जिसके बाद परिवार से लेकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. जांच में लापरवाही और रिपोर्ट देने में देरी को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
Posted by Ashish Jha