मुजफ्फरपुर. कोरोना काल के दौरान सरकार की ओर से जितनी राशि जिले को उपलब्ध करायी गयी, इसका 60 फीसदी राशि ही खर्च हो पाया. बहरहाल, हिसाब-किताब के बाद आपदा विभाग को अवशेष राशि लौटाने की तैयारी हो रही है.
करीब 35.61 करोड़ राशि वापस होगी. दरअसल मार्च क्लोजिंग को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग को रिपोर्ट सौंपी जानी है. कोरोना के दौरान जिले के कोरेंटिन सेंटर में रह रहे लोगों के भोजन, अनुग्रह अनुदान, सीएम राहत कोष समेत अन्य मद में 79.46 करोड़ राशि का आवंटन किया गया था. इसमें सबसे अधिक राशन आपूर्ति पर 15.13 करोड़ से अधिक खर्च हुआ.
सीएम राहत कोष के तहत काेरोना से मृत परिवार के अनुग्रह अनुदान राशि पर 3 करोड़ खर्च किया गया. कोरोना के दौरान दूसरे प्रदेश आने वाले प्रवासी मजदूर के साथ अन्य लोगों को कोरेंटिन सेंटर में 14 दिन रखा जाता था. उनको भोजन, नाश्ता के अलावा किट भी दिया जाता था. किट में दैनिक उपयोग के सामान होता था. हालांकि कोरोना के गाइड लाइन में आये बदलाव के बाद किट को बंद कर दिया गया.
कोरोना से मृत 25 लोगों के आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये दिया जा चुका है. हालांकि 50 लोगों की सूची तैयार है. इसमें सबसे अधिक 22 लोग मुशहरी अंचल के हैं. इसके अलावा कुढ़नी, सरैया, कांटी, मुरौल, सकरा, बंदरा, मड़वन, कटरा और शहरी क्षेत्र 8 लोग हैं. इनमें से अधिकांश का डक्यूमेंट अंचल व प्रखंड में लंबित है.
समस्तीपुर, सीतामढ़ी, खगड़िया, भागलपुर, नालंदा और गया के वैसे कोरोना मरीज, जिनके इलाज के दौरान यहां मृुत्यु हुई, उनका पैसा उस जिले के डीएम के पास भेज दिया गया है.
Posted by Ashish Jha