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Coronavirus in Bihar: बिहार में ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टरों को दिया गया कोरोना के ईलाज का प्रशिक्षण, पीएचसी से समन्वय बना अब करेंगे ईलाज

बिल एंड मिल इंडिया गेस्ट फाउंडेशन की ओर से कोविड-19 के रोकथाम एवं उपचार के लिए जिला के ग्रामीण चिकित्सा व्यवसायियों (आरएमपी) के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन सोमवार को किया गया.

दरभंगा. बिल एंड मिल इंडिया गेस्ट फाउंडेशन की ओर से कोविड-19 के रोकथाम एवं उपचार के लिए जिला के ग्रामीण चिकित्सा व्यवसायियों (आरएमपी) के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन सोमवार को किया गया. इसमें जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने कहा कि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसलिए जमीनी स्तर के हेल्थ केयर को मजबूत करना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण चिकित्सा प्रैक्टिशनरों का चिकित्सा क्षेत्र में खास योगदान होता है. इसके लिए जिला के ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित करना आवश्यक है. उनके द्वारा कोरोना के मरीज को सही समय पर सही सलाह देना आवश्यक है. मरीज को देखने के समय इसे इतना भयानक नहीं बताया जाए.

अधिकतर कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में ठीक हो जाते हैं. ऐसा देखा जा रहा है कि जिनका ऑक्सिजन लेवल (एसपीओ-2)-98 से 95 हो जाता है, तो लोग भयभीत हो जाते हैं और हॉस्पिटल का रुख करते हैं. चिकित्सक द्वारा पुर्जा पर मरीज को वेंटिलेटर और रेमडीसिविर लेने का सलाह दी जाती है. लोगों में यह एक धारणा बन गयी है कि रेमडीसिविर कोरोना की जादुई दवा है.

डीएम ने ग्रामीण चिकित्सकों से कहा कि मरीजों को ऐसा सुझाव न दें. मरीज को वेंटिलेटर की आवश्यकता तभी पड़ती है, जब एसपीओ-2 95 प्रतिशत के नीचे आ जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है. उस समय ऑक्सीजन (वेंडिलेटर) का सुझाव देना चाहिए.

जिलाधिकारी ने कहा कि ऑक्सीजन का कहीं भी भंडारण नहीं किया जाना चाहिए. यदि इसका भंडारण किया जाएगा, तो जिन लोगों को आवश्यकता है, उनके लिए कमी हो जाएगी. उन्होंने चिकित्सकों को कहा कि जिस परिस्थिति के लिए जिस दवा की आवश्यकता है, वही दी जाए और मरीज को भयभीत नहीं होने की सलाह दें.

उन्होंने कहा कि कोरोना के विभिन्न स्टेज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ट्रीटमेन्ट प्रॉटोकॉल जारी किया गया है, जो जिला प्रशासन के फेसबुक पर उपलब्ध है. इसकी पूरी जानकारी अच्छी तरह से लें. सभी मरीज को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रेफर न करें. उनकी रिपोर्ट करें और टेस्टिंग कराये. साथ ही कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क के प्रयोग, सामाजिक दूरी का अनुपालन करने के लिए लोगों को जागरूक करें. टीकाकरण के लिए प्रेरित करें.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रति जागरूकता के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे इन्फॉरमेशन एडुकेशन एंड कॉम्यूनिकेशन (आइइसी) को पहले खुद समझें इसके बाद लोगों को समझायें. सरकार द्वारा ट्वीटर, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर आइइसी के माध्यम से कोरोना के लिए आवश्यक सलाह दी जा रही है. उसे फॉलो करना चाहिए.

फाउंडेशन की सम्बद्ध संस्था केयर इण्डिया के तकनीकी निदेशक डॉ श्रीधर श्रीकांतिया ने कोविड-19 संक्रमण से संबंधित अद्यतन जानकारी एवं सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम के लिए जारी गाइड लाइन के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने ग्रामीण चिकित्सकों को बताया कि कोरोना का संक्रमण कैसे फैलता है और कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से किस तरह अलग है. यह कैसे प्रकट होता है, इसके कौन-कौन से लक्षण हैं. कोरोना मरीजों की आपातकालीन चिकित्सकीय देखभाल कब की जानी है.

माइल्ड कोरोना केस में देखभाल करने के लिए घरेलू उपचार के संबंध में भी बताया. साथ ही माइल्ड, मॉडरेट एवं सिवियर कोरोना के मामलों से सभी को अवगत कराया गया. सिवियर मामले में समय पर रेफर करने का महत्व समझाया गया. उन्होंने ग्रामीण चिकित्सक व्यवसायियों को करोना के उपचार के विभिन्न चरणों एवं आवश्यक दवाओं से अवगत कराया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ संजीव कुमार सिन्हा ने प्रशिक्षण के उद्देश्य पर प्रकाश डाला.

Posted by Ashish Jha

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