Coronavirus in Bihar : सभी बुनियाद केंद्र में बनेंगे वैक्सीनेशन और केयर सेंटर, जानिये क्या मिलेंगी सुविधाएं
समाज कल्याण विभाग ने सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों को उपलब्ध करायी जा रही है.
पटना. समाज कल्याण विभाग ने सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों को उपलब्ध करायी जा रही है.
इस कड़ी में बच्चों, वृद्धजनों, दिव्यांगों व विधवाओं को सुरक्षित रखने की जरूरत हैं, इसलिए विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि सभी 101 अनुमंडल में बने बुनियाद केंद्र को कोविड केयर सेंटर या वैक्सीनेशन सेंटर के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जहां लोगों को अधिक सुविधाएं मिल पायेंगी.
समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया कि सभी अनुमंडलों में बने बुनियाद केंद्र को वैक्सीनेशन सेंटर या कोविड केयर सेंटर के रूप में इस्तेमाल करने को लेकर डीएम को पत्र भेजा गया है.
ये होंगी सुविधाएं
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सभी जिलों में संचालित मोबाइल थेरेपी एवं आउटरीच संजीवनी सेवा का उपयोग आउटरीच कार्य अथवा वैक्सीनेशन के कार्य में किया जा सकता है.
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कोरोना से हुई मृत्यु की स्थिति में परिवार को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना का लाभ नियमानुसार दिया जा सकता है.
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कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों में यदि कोई बच्चा अनाथ होता है, तो प्रभावित बालक या बालिका को अविलंब चाइल्ड केयर होम में रखने के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. बच्चों की ट्रैफिकिंग में वृद्धि हो सकती है, इसलिए निगरानी की जरूरत है.
समिति कहे बेड खाली, अस्पताल बोले फुल
राज्य में कोविड मरीजों के लिए आइसीयू बेड कितने खाली हैं, इसकी लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार जो जानकारी दे रही है, अस्पताल की जमीनी हकीकत से परे है. प्रभात खबर ने इसकी पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी.
राज्य स्वास्थ्य समिति के अनुसार गुरुवार की शाम चार बजे बेगूसराय के डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर बनाये गये डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल (डीएच) में कोविड मरीजों के लिए कुल 50 बेड हैं. इनमें 15 बेड खाली बताये जा रहे थे.
आइसीयू में कुल तीन बेड थे, इसमें दो रिक्त दर्शाये गये थे. प्रभात खबर संवाददाता ने जब डीएच बेगूसराय में फोन किया तो डॉ एसके सिंह से बात हुई. उनका कहना था कि सभी बेड फुल हैं. आइसीयू ही नहीं, कोविड मरीजों के सामान्य बेड भी खाली नहीं हैं.
सात बेड खाली बताये गये, पर अस्पताल ने फुल बताया
भागलपुर के तपस्वी नर्सिंग होम के आइसीयू में सात बेड खाली बताये गये थे. यहां के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल तो नहीं रिसीव हुआ, लेकिन एक मैसेज मिला जिसमें नंबर दिये गये थे कि किस समस्या के लिए किस नंबर पर बात की जाये.
आइसीयू के बेड के लिए दिये गये नंबर पर फोन किया, तो पता चला कि सात बेड खाली होने की सूचना गलत है. अस्पताल में एक भी बेड नहीं है. मुजफ्फरपुर के नोबेल हॉस्पिटल में आइसीयू के 10 बेड खाली बताये जा रहे थे.
फोन करने पर पता चला कि कोई बेड खाली नहीं है. इतना आश्वासन जरूर मिला कि एक बेड खाली होने की संभावना है. वहीं इसी शहर के पांच आइसीयू बेड वाले जीवन कामना हॉस्पिटल के सभी बेड खाली बताये जा रहे थे. फोन किया तो सब फुल थे.
Posted by Ashish Jha