Coronavirus In Jharkhand : कोरोना के खिलाफ जंग में Rail व SAIL की है ‘पवनपुत्र’ की भूमिका, UP समेत देश के इन 8 राज्यों को ऑक्सीजन की संजीवनी दे रही BSL
Coronavirus In Jharkhand, बोकारो न्यूज (सुनील तिवारी) : झारखंड का बोकारो स्टील प्लांट उत्तर प्रदेश के लिए 'संजीवनी' बना हुआ है. रेल और सेल 'पवनपुत्र' की भूमिका निभा रहे हैं. 01 अप्रैल से लेकर 07 मई तक बीएसएल से 1930.91 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यूपी भेजा गया है. उत्तर प्रदेश के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक राज्य को बोकारो स्टील प्लांट ऑक्सीजन देकर 'संजीवनी' देने का काम कर रहा है. इनमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश राज्य शामिल हैं.
Coronavirus In Jharkhand, बोकारो न्यूज (सुनील तिवारी) : झारखंड का बोकारो स्टील प्लांट उत्तर प्रदेश के लिए ‘संजीवनी’ बना हुआ है. रेल और सेल ‘पवनपुत्र’ की भूमिका निभा रहे हैं. 01 अप्रैल से लेकर 07 मई तक बीएसएल से 1930.91 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यूपी भेजा गया है. उत्तर प्रदेश के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक राज्य को बोकारो स्टील प्लांट ऑक्सीजन देकर ‘संजीवनी’ देने का काम कर रहा है. इनमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश राज्य शामिल हैं.
बोकारो स्टील प्लांट की ओर से लगातार ऑक्सीजन की खेप यूपी सहित कई राज्यो में भेजी जा रही है. रेल और सेल के इस सार्थक सहयोग से शुक्रवार को भी लखनऊ – यूपी के लिए 45.70 मीट्रिक टनऑक्सीजन (तीन टैंकर) बीएसएल से भेजा गया. कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पूरे देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है. ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कई अस्पतालों में लोगों की सांसो की डोर टूटने की खबर मिल रही है. ऐसे में बीएसएल सांसों की डोर जोड़ रहा है.
बीएसएल में ऑक्सीजन उत्पादन की दो यूनिट्स लगी हैं. एक है कैप्टिव ऑक्सीजन प्लांट, जो कोविड की दूसरी लहर से पहले आम तौर पर इंडस्ट्रियल जरूरत को पूरा करता था और दूसरा है आईओनेक्स का ऑक्सीजन प्लांट. मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए अब दोनों ही प्लांट्स में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा दिया गया है. दोनों प्लांट्स को मिलाकर लगभग 150 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन रोजाना हो रहा है. अप्रैल में 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का हीं उत्पादन होता था.
कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. बोकारो में ही शुक्रवार को 745 कोरोना पॉजिटिव मिले. ऐसे में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए कई अस्पताल हाथ खड़े कर रहे हैं, जिसकी वजह से मरीज और उनके परिजन दर-दर भटकने को मजबूर हैं. कई जगह तो लोग एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल में अपने परिजन की जान बचाने को लेकर इधर से उधर भाग रहे हैं. ऐसे में बोकोरो स्टील प्लांट में बनने वाली मेडिकल ऑक्सीजन झारखंड की अपनी जरूरत को पूरा करने के साथ-साथ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भेजी जा रही है.
बीएसएल के प्रभारी निदेशक अमरेन्दु प्रकाश ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में बोकारो स्टील प्लांट कोविड मरीज़ों की मदद के लिए तत्पर है. कोविड-19 से जंग में बोकारो के अस्पतालों का हाथ मजबूत करने के इरादे से बोकारो स्टील प्लांट ने बोकारो के अस्पतालों को नि:शुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. वैसे अस्पताल जिन्हें ऑक्सीजन की ज़रूरत है, वे अपना खाली सिलिंडर बोकारो स्टील प्लांट में भरवा सकते हैं. खाली सिलिंडर में ऑक्सीजन भरवाने के लिए ऐसे अस्पतालों को पहले जिला प्रशासन से अपना आवेदन अग्रसारित कराना होगाा.
बीएसएल से 01 अप्रैल से 07 मई तक ऑक्सीजन की आपूर्ति (मीट्रिक टन)
राज्य ऑक्सीजन
उत्तर प्रदेश 1930.91
बिहार 1275.33
झारखंड 1171.89
मध्य प्रदेश 801.73
पंजाब 514.89
आंध्र प्रदेश 54.78
बंगाल 28.41
महाराष्ट्र 19.13
Posted By : Guru Swarup Mishra