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लाखों लोगों को कैसे लाएंगे, नॉन स्टॉप स्पेशल ट्रेन चलाएं, बिहार सरकार ने की केंद्र से मांग

coronavirus lockdown update, coronavirus cases in bihar, bihar news: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को उम्मीद की किरण दिखी है. केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वे अपने यहां फंसे मजदूरों को उनके प्रदेश वापस भेजने की तैयारी करें. केंद्र ने जहां सड़क मार्ग यानी बसों के जरिए मजदूरों को भेजने का आदेश दिया है, वहीं बिहार सहित कुछ राज्यों ने मांग की है कि मजदूरों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 1, 2020 8:08 AM

बिहार सरकार ने राजस्थान के कोटा समेत दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को घर आने के लिए सीमावर्ती जिलों में बसें तैनात कर दी हैं. छात्र, मजदूर व अन्य लोगों के बिहार की सीमा पर पहुंचने पर सभी की प्रारंभिक स्क्रीनिंग की जायेगी. इसके बाद उन्हें बसों से गृह प्रखंड तक लाया जायेगा. इधर, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार से दूरस्थ सभी राज्यों में फंसे बिहार के लाखों लोगों को अपने घर तक पहुंचने के लिए विशेष नॉन स्टाप ट्रेनें चलाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों से लोग बसों से नहीं लाये जा सकते हैं. इसमें महीनों लग जायेंगे. इसके लिए खाने-पीने की सुविधा के साथ ट्रेनें चलायी जाएं.

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सभी अधिकारियों के मोबाइल नंबर जारी

वहीं, राज्य सरकार ने दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों को सुविधाएं दिलाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को नोडल अधिकारी घोषित किया है. इसके बाद प्रत्यय अमृत ने भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा व बिहार प्रशासनिक सेवा के चुनिंदा 19 अधिकारियों को विभिन्न राज्यों से आने वाले लोगों की सहायता करने के लिए नोडल अफसर नियुक्त किया है. सभी अधिकारियों के मोबाइल नंबर जारी करते हुए उन्हें राज्य आवंटित कर दिये गये हैं. साथ ही संबंधित राज्यों के नोडल अफसर के साथ संपर्क कर बिहार आने वाले लोगों को सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी तय की गयी है.

14 दिन तक क्वारेंटिन किया जायेगा

आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि जो भी लोग बिहार की सीमा तक पहुंचेंगे, उनकी तत्काल स्क्रीनिंग की जायेगी और स्वस्थ पाये जाने पर उन्हें मेडिकल रिकॉर्ड के साथ गृह प्रखंड तक भेजा जायेगा. पहले जिला मुख्यालय और फिर वहां से गृह प्रखंड तक ले जाया जायेगा, जहां उन्हें 14 दिन तक क्वारेंटिन किया जायेगा. इसके लिए प्रखंडों में एक हजार भवनों को क्वारेंटिन सेंटर बनाया गया है.इस मामले में गृह और सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि लोगों को बाहर से लाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से फिलहाल कोई इंतजाम नहीं किया गया है. लोग अपने बलबूते अगर यहां तक आ जाते हैं, तो राज्य सरकार उन्हें तमाम सुविधाएं देगी. बाहर फंसे लोगों को किसी तरह की समस्या होती है, तो उनकी मदद के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गयी है.

दूसरे राज्यों में बड़ी संख्या में बिहारी हैं फंसे

डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि बिहार के बाहर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं. बसों से दूर के शहरों से लोगों को लाना संभव नहीं होगा. गुजरात के सूरत, पोरबंदर के अलावा महाराष्ट्र समेत अन्य दूर के स्थानों से आने में पांच-छह दिन लग जायेंगे. उन्होंने केंद्र सरकार से इन लोगों को लाने के लिए खासतौर से नॉन स्टॉप स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि एक-एक हजार रुपये की योजना का लाभ लेने के लिए 27 लाख प्रवासी बिहारियों ने आवेदन किया है.

इनमें सबसे ज्यादा दिल्ली से पांच लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है. इसके अलावा महाराष्ट्र से 2.68 लाख, कर्नाटक से एक लाख, गुजरात से दो लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है. इससे बाहर फंसे लोगों की संख्या का पता चलता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रखंडों में क्वारेंटिन सेंटरों का बंदोबस्त किया है. जो लोग बाहर से आयेंगे, उन्हें समुचित सुविधा के साथ यहां रखा जायेगा. सिर्फ केंद्र सरकार उन्हें आने के लिए स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था कर दे.

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