बिहार पुलिस की कार्यशाली पर कोर्ट नाराज, पूछा- नाबालिग को पुलिस कस्टडी में कैसे भेजा
कोर्ट आश्चर्यचकित हो पूछा कि लड़की को थाने में कैसे रखा गया. एसएसपी का कहना था कि थाना परिसर में अधिकारियों के लिए बने क्वार्टर में रखा गया है, क्योंकि बच्ची ने अपनी माता-पिता से अपनी जान का खतरा बताया है.
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पटना. पटना हाइकोर्ट ने बरामदगी के बाद नाबालिग बच्ची को कई दिनों तक पटना के पुलिस थाने में रखे जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने पटना के एसएसपी को निर्देश दिया कि वह इस मामले में जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करें.
कोर्ट ने कहा कि धारा 164 के बयान के बाद न्यायिक अधिकारी ने नाबालिग लड़की को पुलिस कस्टडी में कैसे भेज दिया. जबकि उसे शेल्टर होम भेजना चाहिए या उसे उसके माता-पिता के हवाले करना चाहिए था.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई की. गौरतलब है कि गत 22 जून को पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र से लड़की गायब हो गयी थी.
बाद में लड़की के परिजनों ने एक अगस्त को पाटलिपुत्र थाना में एक पूर्व आइएएस अधिकारी के ड्राइवर सिंकू यादव के खिलाफ कांड संख्या 273/20 दर्ज कराया. मामला दर्ज होने के बाद भी जब गायब हुई बच्ची की बरामदगी नहीं हुई, तो हाइकोर्ट में एक याचिका दायर कर बरामदगी की गुहार लगायी गयी.
कोर्ट ने पटना एसएसपी को बच्ची की बरामदगी करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने गत 20 दिसंबर को दरभंगा से सिंकू यादव सहित बच्ची को बरामद कर लिया तथा उसके बाद लड़की का बयान धारा 164 के तहत दर्ज करने के लिये कोर्ट में पेश किया गया. बयान दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उस लड़की को थाने में ही रखा.
अधिकारियों के लिए बने क्वार्टर में रखा गया
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी ने बताया कि बच्ची को बरामद कर लिया गया है. बरामद करने के बाद लड़की को थाने में ही रखा गया है.
इस बात पर कोर्ट आश्चर्यचकित हो पूछा कि लड़की को थाने में कैसे रखा गया. एसएसपी का कहना था कि थाना परिसर में अधिकारियों के लिए बने क्वार्टर में रखा गया है, क्योंकि बच्ची ने अपनी माता-पिता से अपनी जान का खतरा बताया है.
कोर्ट ने कहा कि यदि उसकी जान को खतरा था, तो उसे शेल्टर होम में क्यों नहीं भेजा गया. कोर्ट ने बरामदगी के बाद थाने में नाबालिग लड़की को रखने के बारे में पूरी बातें हलफनामा के साथ दाखिल करने का आदेश एसएसपी को दिया है.
Posted by Ashish Jha