प्रतिबंधित दवाओं की हो रही बिक्री और निर्माण पर कोर्ट नाराज, कहा- जान-माल के साथ यह खिलवाड़ है

राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की धड़ल्ले से हो रही बिक्री और उसके निर्माण पर हाइकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट कहा कि वह राज्य की जनता के जीवन से खिलवाड़ न करे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2021 8:09 AM

पटना. राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की धड़ल्ले से हो रही बिक्री और उसके निर्माण पर हाइकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट कहा कि वह राज्य की जनता के जीवन से खिलवाड़ न करे.

अगर सरकार द्वारा प्रतिबंधित दवाओं के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाता, तो फिर कैसे सूबे में इन दवाओं की बिक्री होती. कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट कहा कि ऐसी लापरवाही वह बर्दाश्त नहीं करेगा.

सरकार का इस तरह का कार्य उसे भोपाल गैस कांड की याद दिलाता है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने प्रज्ञा भारती एवं राजीव कुमार ओझा द्वारा दायर दो अलग अलग लोकहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की.

खंडपीठ ने स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर वह यह बताये कि सरकार इस मामले में दोषी सभी अफसरों के खिलाफ उसके द्वारा अब तक क्या कदम उठाया गया है या क्या कदम उठाया जायेगा, जो राज्य में प्रतिबंधित दवाओं के निर्माण या बिक्री के लिए जिम्मेदार हैं.

सुनवाई के दौरान इस मामले में कोर्ट को अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार केवल प्राइवेट दवा विक्रेताओं पर कार्रवाई कर मामले का निबटा रही है.

उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जांच अफसरों से कैसे छूट सकती है. सरकार की यह लापरवाही सूबे के लोगों के जान-माल के साथ खिलवाड़ है. इस मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी.

Posted by Ashish Jha

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