पटना. जमीन के बदले नौकरी मामले में गुरुवार को दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगायी और सुस्त जांच को तेज करने को कहा. मामले की आज हुई सुनवाई में लालू यादव के परिवार के सदस्य कोर्ट में पेश हुए. लालू की बेटी और सांसद मीसा भारती पेश हुईं. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि अभी इस मामले में जांच चल रही है. कुछ नये तथ्यों को शामिल करना है. लिहाजा थोड़ा समय दिया जाना चाहिए. इसपर कोर्ट ने 12 जुलाई तक चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी.
इस मामले में सीबीआई ने अक्टूबर 2022 में पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी के अलावा 14 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले में राबड़ी देवी के अलावा लालू प्रसाद यादव , उनकी दो बेटियां (मीसा भारती और हेमा यादव) के अलावा 12 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर हैं. जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव परिवार के कई सदस्यों से सीबीआई पहले ही पूछताछ कर चुकी है. हालांकि अभी भी सीबीआई आरोप पत्र में अब कुछ नए तथ्यों को शामिल करने की तैयारी में है.
आरोप पत्र के मुताबिक लालू ने बिना विज्ञापन के ग्रुप डी में 12 लोगों को नौकरी दी. इसके बदले आवेदकों की जमीन लिखवाई. जमीन का कुल रकबा करीब 1,05,292 वर्गफुट है. सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान आवेदकों को पहले अस्थाई नौकरी दी जाती थी. इस दौरान जब जमीन का सौदा पक्का हो जाता था तब नौकरी को स्थाई कर दिया जाता था. इसी को लेकर कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई में सीबीआई ने कुछ और समय देने की मांग की. अब 12 जुलाई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.