बिहार में बढ़ा कोर्ट मैरेज का चलन, इस साल अब तक पटना जिले के कोर्ट में 757 जोड़ों ने थामा एक-दूसरे का हाथ
आज के युवाओं का पारंपरिक शादियों के बजाय कोर्ट मैरेज के प्रति रुझान बढ़ा है. पटना जिले में इस साल 24 जून तक रजिस्ट्री कार्यालय में 757 युवाओं ने एक-दूसरे का हाथ थामा है, जबकि विवाह के बाद निबंधन कराने वालों की संख्या 590 है.
प्रमोद झा, पटना. युवाओं में बिना बैंड-बाजे की शादी का ट्रेंड बढ़ा है. आदर्श विवाह के रूप में युवा कोर्ट मैरेज करने पर जोर दे रहे हैं. रजिस्ट्री कार्यालय में पहुंच कर युवा एक-दूसरे का हाथ थाम रहे हैं. पटना अवर निबंधन कार्यालय में कोर्ट मैरेज की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, विवाह करने के बाद निबंधन कराने वाले की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. इस साल 24 जून तक रजिस्ट्री कार्यालय में 757 युवाओं ने एक-दूसरे का हाथ थामा है, जबकि विवाह के बाद निबंधन कराने वालों की संख्या 590 है.
हर दिन औसतन पांच से अधिक जोड़े कोर्ट मैरेज कर रहे
जानकारों के अनुसार युवा कोर्ट मैरेज को आसान व बजट फ्रेंडली विकल्प के रूप में देखने लगे हैं. शिक्षा का स्तर बढ़ने से भी कोर्ट मैरेज करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पटना जिला रजिस्ट्री कार्यालय में हर दिन औसतन पांच से अधिक जोड़े कोर्ट मैरेज कर रहे हैं.
कोर्ट मैरेज करने पर होता है कम खर्च
युवाओं में पारंपरिक शादियों के बजाय कोर्ट मैरेज के प्रति रुझान बढ़ा है. खासकर शादी में होनेवाले अधिक खर्च को लेकर युवा कोर्ट मैरेज पर जोर दे रहे हैं. कोर्ट मैरेज में कम खर्च में काम हो जा रहा है. ऐसे में बिना बैंड-बाजे की शादी का ट्रेंड देखने को मिल रहा है. गवाहों के साथ कोर्ट पहुंच कर चट मंगनी, पट ब्याह हो रहा है. केवल विवाह के लिए आवेदन के समय वर की उम्र 21 व वधू की उम्र 18 वर्ष होना जरूरी है. इसका प्रमाण देना होता है. दावा-आपत्ति के लिए 30 दिनों का समय निर्धारित है. आपत्ति नहीं आने पर विवाह मंजूर हो जाता है.
कोर्ट मैरेज करने वाले की बढ़ रही संख्या
-
वर्ष- कोर्ट मैरेज- विवाह के बाद निबंधन
-
2020- 800- 800
-
2021- 1197- 869
-
2022- 1440- 1212
-
2023 (24 जून )- 757- 590
-
(आकड़ा जिला अवर निधंबक कार्यालय का है)
विवाह बाद निबंधन के फायदे
विवाह के बाद निबंधन कराने से फायदे हैं. रिश्तों को कानूनी रूप से स्वीकृति मिल जाती है. पति-पत्नी के साथ विदेश जाने के लिए निबंधन आवश्यक है. वीजा, पासपोर्ट या फिर तलाक आदि की कानूनी प्रक्रिया में आसान होती है. अंतरजातीय विवाह करने वालों को साल भर के अंदर आवेदन देने पर सामाजिक कल्याण विभाग से दो लाख रुपये सावधि जमा प्रोत्साहन लाभ मिलता है. पटना जिला अवर निबंधन सह विशेष विवाह पदाधिकारी धनंजय कुमार राव ने बताया कि अधिकतर आवेदन हिंदू मैरेज एक्ट 1955 के तहत पंजीकृत होते हैं. कई आवेदन स्पेशल मैरेज एक्ट 1954 के तहत भी आते हैं.
Also Read: बिहार में दूल्हा बदलकर बारात लेकर पहुंची लड़के की मां, लड़कीवालों को पता चला तो जानें क्या हुआ..
रजिस्ट्री कार्यालय में शुल्क निर्धारित
-
विवाह सूचना शुल्क : 100 रुपये
-
विवाह निबंधन शुल्क : 200 रुपये
-
विवाह खोज शुल्क चालू वर्ष के लिए : 50 रुपये
-
विवाह प्रतिलिपि शुल्क : 100 रुपये
-
विवाह कमीशन शुल्क : 600 रुपये
-
विवाह आपत्ति शुल्क : 100 रुपये