Bihar News: वर्ष 2013 में पूर्णिया में एक व्यक्ति को बीच सड़क पर घेरकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था. झुंड बनाकर आए अपराधी यहीं नहीं थमे बल्कि मृतक के घर पर भी चढ़ाई कर दी थी और जमकर लूटपाट मचाया था. इस दौरान जिस व्यक्ति की हत्या की गयी थी उसके भतीजे को भी पीट-पीटकर मार डाला था. मोहम्मद कमरुद्दीन व उसके भतीजे मुसदर की हत्या मामले में अब 10 साल बाद अदालत ने फैसला सुनाया है और कुल 35 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी.
पूर्णिया की एक अदालत ने 10 साल पूर्व चाचा-भतीजे की हत्या मामले में दोषी 35 अभियक्तों के खिलाफ आजीवन कारवास की सजा सुनायी है. साथ ही जुर्माना भी लगाया है. यह मामला जिले के केनगर थाने के बेगमपुर गांव का है जहां 10 साल पूर्व भूमि विवाद को लेकर यह घटना घटी थी. यह सजा पंचम अपर सत्र न्यायाधीश राजीव रंजन सहाय के अदालत ने सुनायी है. इस मामले में केनगर थानान्तर्गत बेगमपुर निवासी जाकिर के बयान पर केनगर थाना कांड 39/2013 दर्ज किया गया था.
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घटना के संबंध में बताया जाता है कि 30 जनवरी 2013 को सुबह सात बजे मो. कमरुद्दीन लखी चौक पर चाय पीने गये थे. चाय पीकर जैसे ही वह घर वापस आ रहे थे कि तीन दर्जन से अधिक लोगों ने चारों ओर से घेरकर उनपर लाठी-डंडे और धारदार हथियार से हमला कर दिया. उसकी बेरहमी से पिटायी की गयी और सीने पर पैर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी. आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
इन अभियुक्तों ने उसके घर पर भी जाकर लूटपाट मचायी. इसी क्रम में कुछ अभियुक्तों ने कमरुद्दीन के भतीजे मुसदर आलम की भी पीट-पीट कर हत्या कर दी. बचाने गये लोगों के साथ भी मारपीट की गयी जिससे वे लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. सजा के समय सभी अभियुक्तों वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए.