कोरोना को लेकर हाइकोर्ट सख्त, अस्पतालों की व्यवस्था और सुविधाओं पर मांगी सरकार से जानकारी
हाइकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी को लेकर दायर किये गये लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 9 अगस्त तक जिला स्तर से ले राज्य स्तर तक के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था और वहां मरीजों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का ब्योरा तलब किया है.
पटना. हाइकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी को लेकर दायर किये गये लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 9 अगस्त तक जिला स्तर से ले राज्य स्तर तक के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था और वहां मरीजों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का ब्योरा तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक एवं अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने राज्य सरकार से जिला व अनुमंडल अस्पताल के साथ-साथ राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, कार्यरत डॉक्टरों, कर्मचारियों एवं अन्य कर्मियों का पूरा ब्योरा भी मांगा है.
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार सभी संभव कदम उठा रही है. कोर्ट को बताया गया है कि शहरी क्षेत्र में 73 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो गया है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 23 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है.
साथ ही कोरोना के खतरे के प्रति जागरूक करने के लिए भी राज्य सरकार कदम उठा रही है. कोर्ट को बताया गया कि सोशल डिस्टैंसिंग और मास्क पहनने के लिए भी लोगों को दिशा-निर्देश देने के साथ ही सभी तरह की जानकारियां दी जा रही हैं.
कितने लोगों को वैक्सीन दी गयी, मांगी जानकारी
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा था कि अब तक जो वैक्सीनेशन दिया गया है, उसमें कितने लोग को दोनों डोज पड़े हैं और अभी तक कितने लोगों को केवल पहला डोज ही दिया गया है, इसकी पूरी जानकारी दी जाये.
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोविड टेस्टिंग हो रही है. जुलाई में कोविड मरीजों की संख्या में काफी कमी आयी है. पिछली सुनवाई में राज्य सरकार से जिलेवार ब्यौरा मांगा और यह जानना चाहा था कि हर जिले में ऑक्सीजन समेत कितने बेड उपलब्ध हैं.
Posted by Ashish Jha