भाकपा माओवादी ने 27 जनवरी को बिहार-झारखंड बंद करने का किया आह्वान, इन नेताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग
झारखंड पुलिस ने प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी उर्फ शीला दी, बीरेंद्र हांसदा उर्फ जीतेंद्र, राजू टुडू उर्फ निखिल उर्फ बाजू, कृष्णा बाहदा उर्फ हेवेन और गुरुचरण बोदरा को 12 नवंबर को सरायकेला जिले के कांड्रा थाना अंतर्गत गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास गिरफ्तार किया था.
भाकपा माओवादियों ने 27 जनवरी को बिहार और झारखंड बंद रखने का आह्वान किया है. बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी ने विज्ञप्ति जारी कर इसकी घोषणा की है. पोलित ब्यूरो सदस्य सह पूर्वी रिजनल ब्यूरो के सचिव किशन दा (77) और इनकी पत्नी शीला को राजनीतिक बंदी का दर्जा देने व बिना शर्त रिहा करने को लेकर बंद बुलाया गया है.
वहीं 21 से 26 जनवरी तक माओवादियों ने दोनों राज्यों में प्रतिरोध सप्ताह मनाने की भी बात कही है. भाकपा माओवादियों की मांग है कि पोलित ब्यूरो सदस्य सह पूर्वी रिजनल ब्यूरो के सचिव किशन दा (77) और इनकी पत्नी शीला को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जाए. साथ ही दोनों माओवादी नेताओं की बिना शर्त रिहाई हो.
जानें कब हुई थी गिरफ्तारी
झारखंड पुलिस ने प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी उर्फ शीला दी, बीरेंद्र हांसदा उर्फ जीतेंद्र, राजू टुडू उर्फ निखिल उर्फ बाजू, कृष्णा बाहदा उर्फ हेवेन और गुरुचरण बोदरा को 12 नवंबर को सरायकेला जिले के कांड्रा थाना अंतर्गत गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास गिरफ्तार किया था. प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी के पास से चार मोबाइल, दो एसएसडी, एक पेन ड्राइव, 1.51 लाख रुपये समेत अन्य सामान पुलिस को मिला था.
Also Read: Bihar News: पटना हाइकोर्ट ने 17 लॉ कॉलेजों को नामांकन की दी अनुमति, 11 पर रोक रहेगी जारी
इनके पास से बरामद हुए पेन ड्राइव और एसएसडी में नक्सली संगठन के कई दस्तावेज मिले थे, जो सरकार के खिलाफ और नक्सली संगठन के समर्थन में प्रचार संगठन के पत्र और अन्य दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी है. सांसद सुनील महतो की हत्या समेत 50 से अधिक मामलों में प्रशांत की तलाश पुलिस को थी. पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित किया था.