बिहार में बक्सर समेत इन 9 लोकसभा सीटों पर माले की दावेदारी, टिकट के लिए राजद को भेजा प्रस्ताव..
बिहार में महागठबंधन के अंदर अब टिकट बंटवारे की सुगबुगाहट दिखने लगी है. महागठबंधन सितंबर में ही बैठक करेगी जिसमें टिकट बंटवारे पर चर्चा होगी. इस बीच माले की ओर से राजद को एक प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें माले ने 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मन बनाया है.
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में अब सभी दल जुट चुके हैं. इस बार बिहार में मुकाबला बदले हुए समीकरण के साथ होगा. जदयू और भाजपा एक दूसरे के लिए विरोधी बनकर चुनाव लड़ेगी. महागठबंधन ने एनडीए को पटखनी देने के लिए अब कमर कसना शुरू कर दिया है. विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में सीट शेयरिंग पर अब बात होगी. वहीं बिहार में महागठबंधन के घटक दल भी अब अपने चुनिंदा सीटों पर नजर बनाते दिख रहे हैं. वामदल ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है.भाकपा- माले ने 9 सीटों का प्रस्ताव राजद को भेजा है.
माले ने 9 सीटों का प्रस्ताव राजद को भेजा
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों पर अभी से मंथन शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि भाकपा- माले ने तो अपनी नौ सीटों का प्रस्ताव राजद को भेज दिया है. पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने सीटों का प्रस्ताव राजद को भेजने की बात तो कही, मगर उन्होंने आंकड़ा नहीं बताया. मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बिहार में 2024 की लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इसे लेकर 30 सितंबर से पहले महागठबंधन की बैठक होगी, जिसमें टिकट बंटवारे पर चर्चा होगी. दीपंकर ने कहा कि टिकट को लेकर हमने पार्टी का प्रस्ताव राजद को भेजा है और जहां हमारे विधायक है उन सभी संबंधित संसदीय सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे.
इन सीटों पर माले लड़ना चाहती है चुनाव…
पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक माले ने नौ सीटों का प्रस्ताव भेजा है. इनमें सीवान, आरा, काराकाट, जहानाबाद, पाटलिपुत्र, कटिहार, बाल्मिकीनगर, बक्सर और समस्तीपुर शामिल है. प्रेस कान्फ्रेंस में दीपंकर ने कहा कि मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक से भाजपा परेशान है. बैठक में 2024 के चुनाव को लेकर कई निर्णय लिये गये हैं, जिसमें तय किया गया है कि हर राज्य में विपक्षी एकता के दम पर महंगाई, बेरोजगारी और अस्थायी तानाशाही के खिलाफ जन अभियान चलेगा. यहां भी दो अक्टूबर से पार्टी और महागठबंधन का जन जागरूकता अभियान शुरू होगा. उन्होंने कहा कि यहां लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि हम वन नेशन के विरोधी नहीं है, लेकिन वन इलेक्शन का हम विरोध करेंगे. यह केंद्र सरकार की चाल है और भाजपा चाहती है कि इसके बाद जीरो इलेक्शन भी लागू कर दिया जाए, ताकि वह नियम से ऊपर उठ कर निर्णय ले सके.