राज्यसभा के लिए भाकपा माले तैयार, पार्टी को मिल सकता है मौका, कांग्रेस के समर्थन की होगी जरूरत

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यदि पार्टी के समक्ष ऐसा प्रस्ताव आता है, तो इस पर विचार किया जायेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कहीं से भी उम्मीदवार नहीं हैं, लेकिन, भाकपा माले को भी अवसर मिलना चाहिए. हालांकि,राज्यसभा के लिए पार्टी की राह आसान नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2024 4:59 PM

पटना. राज्यसभा में भाकपा माले का खाता खुल सकता है. पार्टी राज्यसभा जाने को नीतिगत रूप से तैयार हो गयी है. पार्टी का मानना है कि उसने लगातार इंडिया गठबंधन और बिहार में राजद नीत सरकार और विपक्ष को अपना समर्थन देते आयी है. इसलिए इस बार भाकपा माले को भी अवसर मिलना चाहिए. पार्टी में उम्मीदवार तय नहीं है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यदि पार्टी के समक्ष ऐसा प्रस्ताव आता है, तो इस पर विचार किया जायेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कहीं से भी उम्मीदवार नहीं हैं, लेकिन, भाकपा माले को भी अवसर मिलना चाहिए. हालांकि,राज्यसभा के लिए पार्टी की राह आसान नहीं है.

वामपंथी दलों के पास है 16 विधायक

विधानसभा में माले के 12 विधायक हैं. सहयोगी सीपीआइ और सीपीएम के चार विधायकों से इनकी संख्या 16 पहुंचती है, जबकि एक सीट पर जीत के लिए कम -से -कम 40 विधायकों के वोट की जरूरत होगी. ऐसे में कांग्रेस के 19 विधायकों के वोट से भाकपा माले की राह आसान हो सकती है, लेकिन इसके लिए कांग्रेस को अपनी राज्यसभा की मौजूदा सीट की कुर्बानी देनी होगी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अखिलेश प्रसाद सिंह राज्यसभा के सदस्य हैं. उनका मौजूदा कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है.

कांग्रेस की ओर से हां का इंतजार

इधर,सियासी गलियारों में दीपांकर भट्टाचार्य के बिहार से राज्यसभा में जाने का संकेत महसूस होने लगा है. माना जा रहा है कि राजद उन्हें अपना समर्थन देने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत है. केवल कांग्रेस के हां की जरूरत है.दूसरी ओर कांग्रेस की राजनीति में राज्यसभा के लिए अखिलेश प्रसाद सिंह कतार में सबसे कद्दावर नेता हैं. फिलहाल यह कांग्रेस आलाकमान पर निर्भर है कि उन्हें वह लोकसभा चुनाव में उतारती है या राज्यसभा में भेजती है.

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देश स्तर पर वामदलों की जरुरत

जानकार बताते हैं कि दीपंकर भट्टाचार्य बिहार के अपने सभी वामदल विधायकों के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पूर्णिया रैली में शामिल हुए. न केवल मंच साझा किया,बल्कि भाषण भी दिया. इस घटनाक्रम को कांग्रेस से माले की बढ़ती नजदीकियां का प्रतीक माना जा सकता है. सियासी जानकारों के मुताबिक कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति के लिए वामदलों की जरूरत है, इसलिए वह दीपंकर को राज्यसभा पहुंचाने में मजबूत पहल भी कर सकती है. महागठबंधन के खाते में राज्यसभा की तीन सीटें हैं. दो सीटें राजद के खाते में हैं. तीसरी सीट कांग्रेस या वामदल में किसी एक के खाते में जानी है.

आठ से होगा नामांकन

बिहार से राज्यसभा की छह सीटों पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए आठ फरवरी से नामांकन आरंभ हो जायेगा. 15 फरवरी तक नामांकन लिये जायेंगे. 27 फरवरी को चुनाव होगा और शाम पांच बजे चुनाव परिणाम की घोषणा होगी.

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