पटना ट्रैफिक पुलिस के पास क्रेन की कमी, नो पार्किंग में लगे वाहनों पर नहीं हो रही कार्रवाई

क्रेन की कमी से नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो रही है. पटना ट्रैफिक पुलिस के पास केवल नौ क्रेन हैं. शहर में हर दिन दौड़ रहे 10 लाख से अधिक वाहनों की संख्या को देखते हुए क्रेन की यह उपलब्धता कम है और इसके लिए कम से कम 20 क्रेन की जरूरत है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 31, 2022 9:32 AM

अनुपम कुमार, पटना. क्रेन की कमी से नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो रही है. पटना ट्रैफिक पुलिस के पास केवल नौ क्रेन हैं. इनमें से तीन क्रेन भारी वाहनों को उठाने वाले हैं जिनमें से दो गांधी सेतु और जीरो माइल पर और एक जेपी सेतु पर खराब वाहनों को हटाने के लिए हैं. बाकी छह में से दो मोटरसाइकिल को उठाने वाले हैं और चार कार, एसयूवी जैसे वाहनों को उठाने के लिए हैं.

शहर में हर दिन दौड़ रहे 10 लाख से अधिक वाहन

विभागीय जानकारी के अनुसार तीन प्राय: डाकबंगला चौराहा, कारगिल चौक और बोरिंग रोड चौराहा पर लगे होते हैं. बाकी शहर के लिए केवल तीन क्रेन हैं. इनमें एक कार जीप को उठाने वाला और दो बाइक उठाने के लिए हैं. शहर में हर दिन दौड़ रहे 10 लाख से अधिक वाहनों की संख्या को देखते हुए क्रेन की यह उपलब्धता कम है और इसके लिए कम से कम 20 क्रेन की जरूरत है. यही वजह है कि दो-तीन वर्षों से नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों के खिलाफ अभियान नहीं चलाया गया है.

किराये के क्रेन से चल रहा था अभियान

कोरोना काल से पहलेट्रैफिक पुलिस किराये पर क्रेन लेकर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही थी और नो पार्किंग जोन में खड़ेवाहनों को उठा रही थी. बाद में ट्रैफिक पुलिस ने खुद वाहनों को खरीदने का निर्णय किया. लेकिन केवल नौ क्रेन मिलनेसेक्रेन की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

बढ़ी नो पार्किंग जोन में वाहनों की संख्या

ट्रैफिक पुलिस का टोईंग अभियान नहीं चलनेसे नो पार्किंग जोन में खड़ेवाहनों की संख्या बढ़ गयी है. इसके कारण कई जगहें सड़क बेहद संकरी हो जाती हैं और लोगों को आने -जाने में भी परेशानी होती है. विशेषकर शाम में समस्या बहुत अधिक देखने को मिलती है.

जब्त वाहनों के लिए भी जगह की कमी

पहले टोईंग अभियान में उठाये गये वाहनों को गांधी मैदान में रखा जाता था. लेकिन वहां निर्माण कार्य होनेसे अब वह जब्त वाहनों की पार्किंग के लिए उपलब्ध नहीं है. इससे क्रेन द्वारा उठाये गये वाहनों को खड़े करने के लिए जगह की भी कमी हो गयी है.

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