सहारा इंडिया की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में निवेश करने वाले देश के 10 करोड़ लोगों का करीब एक लाख करोड़ फंसा हुआ है. इसमें अच्छी खासी संख्या में बिहार के निवेशक भी हैं. आधिकारिक सूचना के अनुसार बिहार के 33 हजार निवेशकों के करीब 410 करोड़ रुपये फंसे हुये हैं. हालांकि यह संख्या उन निवेशकों की है, जिन्होंने अपनी शिकायतें विभिन्न फोरम पर दर्ज करवायी हैं और इसका ब्योरा बिहार सरकार के पास है. ऐसे में यह संख्या और अधिक हो सकती है.
हालांकि निवेशकों के लिए अब आशा की किरण दिखायी देने लगी है. सुप्रीम कोर्ट की पहल पर सहारा की जब्त राशि में से लौटाने की शुरुआत होने जा रही है. फिलहाल, चार करोड़ निवेशकों में 5000 करोड़ बांटी जायेगी. इसके लिए निवेशकों को ”सहारा रिफंड पोर्टल” (sahara refund portal) पर जाकर आवेदन करना होगा. आवेदन के लिए विधिवत प्रक्रिया निर्धारित की गयी है.
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सबसे पहले निवेशकों को morcrefund.crcs. gov.in पर जाकर आधार नंबर और इससे जुड़ा मोबाइल नंबर अपलोड करना होगा. उसके बाद सेंड ओपीटी पर जाकर जब क्लिक करेंगे तो आपके आधार नंबर से जुड़ा मोबाइल नंबर पर ओटीपी जायेगा.उसके बाद जमाकर्ता का लाॅगिन खुलेगा. उसके बाद निवेश संबंधी दस्तावेज और बैंक संबंधी जानकारी अपलोड करना होगा.
सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड,हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड के 31 मार्च 2022 तक निवेश करने वाले आवेदन कर सकते हैं. स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के 31 मार्च 2023 तक निवेश करने वाले निवेशक आवेदन कर सकते हैं. सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशकों को अप्लाई करने के 45 दिन में पैसा वापस मिलेगा. ये पैसा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर किया जायेगा.
अगर कोई निवेशक 50 हजार से ज्यादा के रिफंड लेने के लिए आवेदन करते हैं, तो उन्हें बैंक डिटेल के साथ-साथ पैन का डिटेल भी देना होगा. बिना पैन की डिटेल के किसी भी निवेशक को 50 हजार रुपये से ज्यादा का रिफंड नहीं दिया जायेगा. भले ही निवेशक का कितना भी पैसा क्यों न बाकी हो. हालांकि,पहले चरण में निवेशकों को महज 10 हजार रुपये का ही रिफंड दिये जायेंगे. अगर यह सफल रहता है तो आगे बड़े अमाउंट के रिफंड की प्रक्रिया शुरू की जायेगी