बिहार: साइबर अपराधी ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बन की लाखों की ठगी, जानिए डार्क नेट के खिलाफ ईओयू का प्लान..

Crime News: बिहार में साइबर अपराध के कई मामले सामने आ रहे हैं. इसी बीच पटना में साइबर अपराधी ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बन लाखों की ठगी की घटना को अंजाम दिया है. दूसरी ओर डार्क नेट पर नजर रखने के लिए ईओयू ने भी तैयारी कर ली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2023 12:15 PM

Crime News: बिहार में साइबर अपराध के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसी बीच पटना में साइबर अपराधी ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बन लाखों की ठगी की है. राजधानी में साइबर बदमाश लगातार लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. साथ ही उन्हें झांसे में लेकर खाते से रकम की निकासी भी कर रहे हैं. साइबर थाने में 10 मामले फिर से दर्ज किये गये हैं. बदमाशों ने साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बन कर पुनपुन के एक व्यक्ति से दो लाख 77 हजार रुपए व राजा बाजार के एक व्यक्ति से 27 हजार रुपये की ठगी कर ली है. इधर सिक्स लेन गंगा ब्रिज प्रोजेक्ट में कार्यरत निजी कंपनी के कर्मी अशोक कुमार को साइबर बदमाशों ने एनी डेस्क एप डाउनलोड करा कर खाते से 51 हजार रुपये निकाल लिये. वहीं, इंद्रपुरी रोड नंबर पांच निवासी सुमित कुमार सिंह को पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर साइबर बदमाशों ने 97 हजार रुपये व खगड़िया के मानसी के बंटी कुमार से 23 हजार रुपये की ठगी कर ली. बोरिंग केनाल रोड निवासी हिमांशु का मोबाइल फोन हैक कर खाते से 50 हजार रुपये निकाल लिये. बदमाशों ने खुसरूपुर के लल्लू कुमार को एटीएम कार्ड चालू कराने का झांसा दिया और खाते से 23 हजार रुपये की निकासी कर ली.


साइबर लैब का होगा निर्माण..

मालूम हो कि हर दिन साइबर अपराध से मामले सामने आ रहे हैं. इधर, क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन का पता लगाने को सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाएगा. डार्कनेट पर नजर रखने को ईओयू की ओर से भी तैयारी की गई है. ईओयू की ओर से साइबर लैब का निर्माण किया जाएगा. राज्य के जिलों से पहले सभी प्रमंडलों में साइबर लैब खोला जाएगा. इओयू डीआइजी ने इस मामले में जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि राज्य के प्रत्येक जिले में एक- एक साइबर लैब खोले जाने की योजना है. इसके प्रथम चरण में प्रत्येक पुलिस रेंज में क्षेत्रीय स्तर पर फॉरेंसिक लैब स्थापित करने की तैयारी चल रही है. इससे जिलों में स्थापित साइबर थानों को कांडों के तकनीकी अनुसंधान एवं विश्लेषण में आसानी होगी.

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प्रशिक्षण लैब मुख्यालय में स्थापित

फिलहाल, जून 2022 से केंद्र प्रायोजित योजना के तहत राज्य साइबर फॉरेंसिक सह प्रशिक्षण लैब मुख्यालय में स्थापित है. इस लैब के लिए छह हार्डवेयर एवं 12 सॉफ्टवेयर खरीदे गये हैं. इस फॉरेंसिक लैब की सहायता से अब तक 92 मोबाइल, हार्डडिस्क, लैपटॉप, डीवीआर आदि का डाटा निकाल कर अलग- अलग कांडों के अनुसंधान में सहयोग किया गया है. वहीं, साइबर क्राइम पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 के कॉल सेंटर को सुदृढ़ करने के लिए 44 लाख रुपये की लागत से 30 डेस्कटॉप कंप्यूटर सेट, सर्वर एवं क्लाउड टेलिफोनिक सिस्टम आदि की खरीद की जा रही है. बताया गया है कि साइबर से संबंधित मामलों में सहयोग के लिए आइआइटी पटना और सी- डैक पटना सहित कई संस्थाओं के साथ एमओयू किया गया है. इस मौके पर इओयू के एसपी सुशील कुमार भी मौजूद रहे.

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जिला मुख्यालयों में जल्द होगी साइबर लैब की स्थापना

बता दें कि पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के मुख्यालय स्थित राज्य साइबर फॉरेंसिक सह प्रशिक्षण लैब को सुदृढ़ीकृत किया जा रहा है. लैब को डार्क नेट पर होने वाले अवैध लेन- देन गैर कानूनी कार्यों व क्रिप्टोकरेंसी व्यापार की पेट्रोलिंग कर उसे ट्रेस करने लायक बनाया जायेगा. इकाई ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा है. सभी प्रमंडलीय और जिला मुख्यालयों में साइबर लैब स्थापित करने की योजना पर जल्द मुहर लगने की संभावना जताई जा रही है. इओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि साइबर अपराधी अवैध लेन-देन में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. मादक पदार्थों के लिए भुगतान से लेकर फिरौती मांगे जाने तक में इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है. इनका ट्रांजेक्शन डार्कनेट के माध्यम से होता है. यह साइबर डोमेन का ऐसा अंधेरा हिस्सा होता है, जिसका सभी लोग इस्तेमाल नहीं कर पाते.

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