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बिहार: साइबर ठगी का शिकार हो रहे लोग, फ्रॉड में फंसी करोड़ों की राशि होगी वापस, जानें कैसे मिलेंगे ये रुपए

Crime News: बिहार में साइबर फ्रॉड की कई घटनाएं सामने आती है. वहीं, अब साइबर अपराध में फंसी तीन करोड़ की राशि लोगों को वापस लौटाई जाएगी. साइबर अपराध में पैसा गंवाने वाले लोगों के खाते में उनकी राशि लौटाने की कवायद की शुरुआत तेज हो गई है.

Crime News: बिहार में साइबर फ्रॉड की कई घटनाएं सामने आई है. इसी बीच अब लोगों के साइबर अपराध के कारण फंसे तीन करोड़ की राशि को लौटाया जाएगा. आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू ने 14 से अधिक जिलों को राशि लौटाने से जुड़े आदेश को जारी किया है. इन जिलों में 100 से अधिक खाताधारकों की राशि को होल्ड पर रखा गया है. इन जिलों में भागलपुर, दरभंगा, औरंगाबाद, गया, मुजफ्फरपुर, नवादा, जमुई समेत अन्य जिले शामिल है. बताया जा रहा है कि यह पहला मौका है, जब बिहार में इतने लोगों को उनकी राशि वापस लौटाई गई हो.

प्रमाण पत्र के जरिए सत्यता होगी साबित

संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बचे हुए जिलों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी. होल्ड पर रखी गई राशि को वापस दिलाने के लिए जिला प्रशासन लोगों से उनका वैद्य प्रमाण पत्र लेगी. इस प्रमाण पत्र के जरिए ही व्यक्ति की सत्यता साबित होगी. यह साबित हो सकेगा कि उनकी राशि की ठगी हुई है. इसके बाद जिला स्तरीय कोर्ट में आवेदन दिया जाएगा और प्रशासन की ओर से अनुमति प्राप्त किया जाएगा. संबंधिक व्यक्ति की उसी बैंक में राशि वापस की जाएगी, जिससे उनकी राशि ली गई थी.

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रिटायर्ड शिक्षक से लाखों की ठगी

इधर, साइबर अपराध की खबर सामने आई है. शास्त्रीनगर थाने के पटेल नगर सहदेव पथ निवासी रिटायर्ड शिक्षक ललन कुमार से 3.35 लाख की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. इस संबंध में ललन कुमार ने बेतिया के नरकटियागंज के चाकी पिपरा निवासी विवेक कुमार राय, उनके पिता अरविंद राय व अन्य के खिलाफ में शास्त्रीनगर थाने में केस दर्ज करा दिया है. ललन ने पुलिस को जानकारी दी है कि वे बेटी का रिश्ता खोजने के क्रम में जीवन साथी डॉट कॉम से विवेक कुमार राय से संपर्क किया. इसके बाद विवेक कुमार राय ने शादी में तैयारी करने के नाम पर 3.35 लाख ले लिये. ललन ने बताया कि विवेक अपने आप को डीआरडीओ में सेना का अधिकारी बताता है. जबकि, वह उस पद पर नहीं है. वह बार-बार शादी के लिए टाल मटोल कर रहा था तो उसे शक हुआ और वाराणसी कैंट में जहां अपनी पोस्टिंग बतायी थी, वहां जाकर भी पूछताछ की. इसके बाद जब उससे पैसे वापस मांगे, तो उसने अपना मोबाइल ऑफ कर लिया. ललन कुमार ने बताया कि विवेक से जब शादी की बात चल रही थी, उस दौरान अपने परिजनों से भी बात कराया था. वे उसके संबंध में जानकारी लेने के लिए बेतिया भी गये तो ग्रामीणों से जानकारी मिली कि ये लोग कई लोगों से डीएसपी बन भी ठगी कर चुके हैं.

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साइबर बदमाशों के खाते को होल्ड कर पैसे वापस

इधर, पटना के कोतवाली थाने के एसपी वर्मा रोड के सुकृति कॉम्पलेक्स में रहने वाली महिला प्रो डॉ आशा सिंह से करीब 11 लाख की ठगी मामले में पुलिस ने 72 हजार 658 रुपये खाते में वापस कराये हैं. साइबर बदमाशों ने उनके बैंक की डिटेल लेने के साथ ही एनी डेस्क एप को डाउनलोड कराने के बाद करीब 11 लाख की निकासी कर ली थी. इस संबंध में प्रोफेसर के बयान के आधार पर साइबर थाने में 23 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसके बाद पुलिस ने साइबर बदमाशों के एक खाते को हाेल्ड करवा दिया गया. इस केस के अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती ने अनुसंधान करते हुए तकनीकी साक्ष्य को न्यायालय में प्रस्तुत किया. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर होल्ड किये गये कुल 72 हजार 658 रुपये को महिला प्रोफेसर के खाते में वापस करा दिया गया.

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शातिर अपराधियों ने ठगी की घटना को दिया अंजाम

पटना के कंकड़बाग थाने की पीसी कॉलोनी की रहने वाली सुस्मिता सिन्हा के खाते से शातिर अपराधियों ने 97 हजार रुपये की निकासी कर ली. घटना रविवार की देर शाम की है. मिली जानकारी के अनुसार साइबर शातिरों ने महिला के खाते में पहले तीन हजार रुपये डाले. इसके बाद उसके खाते से 97 हजार रुपये की निकासी कर ली. इस संबंध में महिला ने साइबर सेल शिकायत दर्ज करायी है. महिला ने बताया कि एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि आपके नंबर से लोन के लिए फॉर्म भरा गया है. महिला ने मना किया, तो कहा कि आपके खाते में तीन हजार रुपये चले गये हैं, जिसे वापस करना होगा. साथ ही दो हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस भी देनी होगी. सुस्मिता ने लिंक पर पांच हजार रुपये यूपीआइ से भेज दिये. कुछ ही देर बाद खाते से 97 हजार रुपये की निकासी का मैसेज आ गया.

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