मुजफ्फरपुर में अपराधियों ने अधिवक्ता के कमरे में घुसकर प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही को मारी गोली, दो की मौत

मुजफ्फरपुर में दो बाइक से आये चार बदमाशों ने घर में घुसकर आशुतोष शाही की हत्या कर दी. इस घटना अधिवक्ता को पैर में गोली लगी है. पुलिस के अनुसार तीन लोग जख्मी हैं

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2023 12:42 AM
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मुजफ्फरपुर शहर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही समेत पांच लोगों को अपराधियों ने शुक्रवार की रात 9: 40 बजे गोलियों से भून दिया. घटना नगर थाना क्षेत्र के चंदवारा लकड़ीढ़ाही रोड में माड़वाड़ी हाइ स्कूल के समीप की है. घटना के समय आशुतोष शाही अपने तीन निजी गार्ड के साथ अधिवक्ता सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर के आवास पर पहुंचे थे. दो बाइक से पहुंचे हेलमेट पहने चार अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है. अपराधियों के द्वारा 20 से 25 राउंड की गयी फायरिंग में आशुतोष शाही की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. वहीं, उनके निजी गार्ड उत्तर प्रदेश के मधुबन मऊ निवासी मो. निजामुद्दीन ने इलाज के दौरान बैरिया स्थित मां जानकी हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया.

गोलीबारी में जख्मी अन्य तीन लोगों में अधिवक्ता सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर व आशुतोष शाही के और दो निजी गार्ड ओंकार नाथ सिंह और राहुल कुमार शामिल है. इसमें ओंकार नाथ सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है. सभी का मां जानकी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी हथियार लहराते और गाली- गलौज करते हुए लकड़ीढ़ाही बांध की ओर से फरार हो गये. घटना की सूचना मिलने के बाद एसएसपी राकेश कुमार, सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह, डीएसपी पूर्वी मनोज कुमार पांडेय, नगर डीएसपी राघव दयाल समेत शहर के सभी थानेदार व डीआइयू की टीम मौके पर पहुंच गयी. पुलिस ने घटनास्थल से 10 से अधिक खोखा बरामद किया गया है. नाइन एमएम पिस्टल का बताया जा रहा है. घटना के बाद काफी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गयी. घायलों को कार में लादकर इलाज के लिए मां जानकी हॉस्पिटल भेजा गया.

आशुतोष शाही व अधिवक्ता को कमरे के अंदर घुसकर मारी गोली

हेलमेट पहने दो अपराधी जिस कमरे में आशुतोष शाही व अधिवक्ता बैठे थे उसके अंदर घुस गया. ताबड़तोड़ आशुतोष शाही पर दोनों अपराधियों ने गोलियों की बौछार कर दिया. सिर व सीने में गोलियां लगने के बाद आशुतोष शाही की मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं, कमरे में बैठे अधिवक्ता सैयद कासिम उर्फ डॉलर को कंधे और पैर में गोली लगी है. वह जख्मी हालत में कमरे में भी पड़े हुए थे.

तीनों गार्ड से पांच मिनट तक अपराधियों की हुई भिड़ंत

आशुतोष शाही की हत्या करने के बाद अपराधी जब बाहर निकले तो उनको गार्ड ने घेरना चाहा तो बाहर खड़े दोनों अपराधियों ने पीछे से फायरिंग कर दी. गोली लगने के बाद भी गार्ड अपराधियों से हाथापाई करते रहें. इसके बाद दो गार्ड को बदमाशों ने सड़क पर घसीट कर गोली मार दिया. वहीं, एक गार्ड को कैंपस में खींच कर गोली मारी.

घटना स्थल पर जुटी भीड़ ने बढ़ायी पुलिस की मुश्किलें

आशुतोष शाही को गोली से भुनने की सूचना पर शहर के एक दर्जन बड़े जमीन कारोबारी और नामचीन जनप्रतिनिध बैरिया स्थित मां जानकी अस्पताल उनका हाल चाल जानने पहुंचे. जब जानकारी हुई कि उनकी मौत मौके वारदात पर हो गयी है और शव को सीधे एसकेएमसीएच भेज दिया गया है.

अधिवक्ता के घर अक्सर घंटा-दो घंटा तक बैठते थे आशुतोष

प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष कुमार अधिवक्ता के चंदवारा स्थित घर पर अक्सर आया करते थे. स्थानीय लोगों के साथ ही अधिवक्ता के करीबियों का भी कहना था कि जब भी आते थे, घंटा- दो घंटा बैठते थे. दो-तीन दिन पहले भी आये थे. कहा जा रहा है कि अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के लिए पहले से रेकी की थी. मौके पर पहुंचे प्रॉपर्टी डीलर के एक करीबी का कहना था कि वे बुलेट प्रुफ गाड़ी से चलते थे. सुरक्षा के लिए निजी गार्ड रखे थे. ऐसे में रास्ते में उन पर हमले की संभावना नहीं थी. उनका कहना था कि जब घटना की सूचना मिली, तो पहले भरोसा ही नहीं हुआ. फिर पता चला कि वकील साहब के घर गये थे, वहीं हमला हो गया.

पहले गार्ड उलझे, फिर जान बचाने के लिए भागे

हमलावरों के साथ आशुतोष शाही के निजी गार्ड गेट पर ही उलझ गये. प्रत्यक्षदर्शी युवक ने बताया कि बड़ी गाड़ी से डॉलर मामू से मिलने के लिए आये आशुतोष शाही के गार्ड गेट पर ही खड़े थे. दो बाइक से आये हमलावर हेलमेट लगाये हुए थे, जिसके कारण उनका चेहरा नहीं दिखा. हमलावरों के साथ गार्ड उलझ गये और रोकने की कोशिश करने लगे. इसी नोकझोक में किसी का जूता भी खुलकर निकल गया, जो देर तक घर के सामने ही पड़ा रहा. इस बीच जब हमलावरों ने एक गार्ड को गेट के सामने ही गोली मार दी, तो दूसरा गार्ड जान बचाने के लिए अंदर की तरफ भागा. हमलावर उस पर फायरिंग करते हुए अंदर घुस गये. युवक ने बताया कि उसने एक गाड़ी के नंबर प्लेट को पढ़ने की कोशिश की, तब तक हमलावर निकल गये. दो-तीन अंक मुश्किल से पढ़ सका.

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