पटना जंक्शन को फिर से बम से उड़ाने की धमकी मिली. शुक्रवार की शाम 3:51 बजे डिप्टी एसएस (कॉमर्शियल) के मोबाइल नंबर 8235307408 पर फोन आया. फोन करने वाले शख्स ने कहा कि कुछ ही देर में पटना जंक्शन को बम से उड़ा दिया जायेगा. रिजर्वेशन काउंटर के पास एक लड़का लाल रंग का बैग लेकर खड़ा है. उसके बैग में बम है और वह बम को रखने जा रहा है. धमकी मिलते ही डिप्टी एसएस ने तुरंत इसकी जानकारी जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों को दी. सूचना मिलने के बाद रेल अधिकारियों में हड़कंप मच गया. पटना जंक्शन पर इसके बाद सधन तलाशी ली गयी.
पुलिस ने कॉल किये नंबर की जांच की, तो पता चला कि फोन करने वाला का लोकेशन तमिलनाडु में है. जिस नंबर से कॉल आया, वह सारण के दिघवारा के बिट्टू यादव के नाम पर है. रेल पुलिस की एक टीम दिघवारा में छापेमारी करने के लिए निकल गयी. इधर बम की सूचना मिलने के बाद दानापुर से आरपीएफ और पटना पुलिस की डाॅग और बम स्क्वायड की टीम ने पटना जंक्शन पर पहुंच सघन छानबीन शुरू की. लाल बैग लिये युवक को खोजा जाने लगा, लेकिन कहीं नहीं मिला . रेल डीएसपी सुशांत कुमार चंचल, पटना आरपीएफ प्रभारी सुशील सिंह के अलावा पुलिस और जीआरपी के करीब 100 अफसर और सुरक्षाकर्मियाें ने सर्च किया.
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करीब तीन घंटे तक टीम ने पार्सलघर, बुकिंग काउंडर, पूछताछ केंद्र, वेटिंग हाॅल से लेकर सभी प्लेटफार्म की तलाशी ली. खुफिया और स्पेशल ब्रांच की टीम भी पटना जंक्शन पहुंची. इस दाैरान पटना जंक्शन से गुजरने वाली ट्रेनाें में भी सर्चकिया गया. ट्रेनों के शाैचालयों में भी टीम गयी. यात्रियाें के सामान की भी तलाशी ली गयी. डीएसपी ने बताया कि जंक्शन पर कोई संदिग्ध वस्तु या बैग नहीं मिला ह
इससे पहले 30 मई काे पटना कंट्राेल रूम में किसी ने काॅल कर पटना जंक्शन काे बम से उड़ाने की धमकी दी थी.धमकी देने वाले राजेश कुमार रंजन सहरसा के साैर बाजार का रहने वाला था. पुलिस ने उसे उसी दिन उसे सहरसा से गिरफ्तार कर लिया था.
एडीपीएस एक्ट के तहत अवैध मादक पदार्थों के कारोबार में लिप्त सात लोगों को शहर के अलग-अलग थानों की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन दुकानदारों के पास कुल तीन लाख कीमत की लेसिस नाम की नशीली दवा को भी पुलिस ने सीज किया है. गुप्त सूचना पर शुक्रवार को औषधि नियंत्रक प्रशासन व पुलिस की टीम ने सहायक औषधि नियंत्रक डॉ सच्चिदानंद विक्रांत के नेतृत्व में बहादुरपुर, कदमकुआं, पीरबहोर थाना क्षेत्र की दुकानों पर औचक छापेमारी की गयी, जहां से 8023 यूनिट एंप्लाइ इंजेक्शन बरामद किया गया. पुलिस ने गिरफ्तार कर सातों आरोपितों को जेल भेज दिया. डॉ सच्चिदानंद ने बताया कि लेसिस एंप्युल का इस्तेमाल दर्द के लिए किया जाता है. यह इंजेक्शन डॉक्टर के पर्चे पर ही मरीजों को देने का प्रावधान
ड्रग व पुलिस प्रशासन को सूचना मिली थी कि बहादुरपुर के संदलपुर देवी मंदिर के पास कुछ लोग नशीली दवाओं का सेवन कर रहे हैं. इसके बाद डॉ सच्चिदानंद ने छह सदस्यीय टीम बनाकर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने संदलपुर निवासी अजीत कुमार व करन कुमार को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद उनकी निशानदेही पर चौक, पीरबहोर व कदमकुआं थाना क्षेत्र में छापेमारी कर पांच अन्य कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया. दोनों विभागों की संयुक्त टीम ने कुल 16 घंटे छापेमारी की. मुख्य आरोपित अजीत कुमार है, जिसके यहां से बाकी कारोबारी अवैध तरीके से इंजेक्शन खरीदते थे.