स्कॉर्पियो चोरी करनेवाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा, झारखंड-बिहार से छह अपराधी अरेस्ट, ऐसे मिली बड़ी कामयाबी
दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खरवार ने बताया कि झारखंड से सौ से अधिक स्कॉर्पियो चोरी कर चुके इस अंतरराज्यीय गिरोह को लेकर दुमका पुलिस के पास यही लीड थी कि अपराधी स्विफ्ट डिजायर गाड़ी से आते हैं और स्कॉर्पियो चोरी कर निकल जाते हैं. यही स्विफ्ट डिजायर अपराधियों के पूरे सिंडिकेट तक पहुंचने का जरिया बना
दुमका, आनंद जायसवाल: दुमका सहित झारखंड के विभिन्न जिलों से सैकड़ों स्कॉर्पियो की चोरी करनेवाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का दुमका पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह में शामिल छह अपराधी दबोचे गये हैं. अपराधियों के इस सिंडिकेट ने सौ से अधिक स्कॉर्पियो की चोरी में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. पूरा गिरोह सिंडिकेट के तौर पर काम करता था, जिसमें कुछ स्कॉर्पियो की चोरी करने वाले, कुछ उसे मॉडिफाइड करने और कुछ उसकी पहचान बदलने के लिए नया इंजन व चेसिस नंबर पंच कराने के अलावा सॉफ्टवेयर के जरिये भी गाड़ी की पहचान बदल देते थे. इसके बाद चोरी की यह स्कॉर्पियो को पकड़ पाना मुश्किल होता था. बाद में ऐसे वाहनों को बेच दिया जाता था या नये चेसिस व इंजन नंबर तथा नये फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर लगाकर चलाया जाता था. मतलब एक ही नंबर की दूसरी गाड़ी तैयार कर दी जाती थी. शनिवार को दुमका में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एसपी पीतांबर सिंह खरवार ने ये जानकारी दी.
स्विफ्ट डिजायर से करते थे चोरी का काम
दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खरवार ने बताया कि झारखंड से सौ से अधिक स्कॉर्पियो चोरी कर चुके इस अंतरराज्यीय गिरोह को लेकर दुमका पुलिस के पास यही लीड थी कि अपराधी स्विफ्ट डिजायर गाड़ी से आते हैं और स्कॉर्पियो चोरी कर निकल जाते हैं. यही स्विफ्ट डिजायर अपराधियों के पूरे सिंडिकेट तक पहुंचने का जरिया बना. एसपी ने बताया कि गुहियाजोरी से रामगढ़ की ओर जानेवाले मार्ग पर सड़क के किनारे खड़ी स्विफ्ट डिजायर (जेएच 09 जेड 2096) दिखी, तो उसमें सवार चार लोग भागने लगे. पूछताछ के लिए उन्हें पकड़ा गया तथा गाड़ी की तलाशी ली गयी तो कई मास्टर चाबी के गुच्छे, गाड़ी चोरी में प्रयुक्त होनेवाली मशीन, गाड़ी स्टार्ट करने के लिए सॉफ्टवेयर लोडेड टैब, केबल, ड्रील मशीन, पेचकस व उस गाड़ी में दो नंबर प्लेट पाये गये.
बिहार से भी है गिरोह का कनेक्शन
जांच करने पर ये स्विफ्ट डिजायर में लगा नंबर प्लेट भी फर्जी पाया गया. पूछताछ में न केवल इन्होंने अपने नाम का खलासा किया, बल्कि गिरोह के बारे में भी सख्ती दिखाने पर सबकुछ उगल दिया. बताया कि उनलोगों ने सालभर के अंदर 8-10 स्कॉर्पियो दुमका से चुरायी है. झारखंड के अन्य जिलों से सैकड़ों स्कॉर्पियो की चोरी की गयी है. इसमें बिहार के भी कई अपराधी शामिल हैं. बिहार में इन चार अपराधियों की निशानदेही पर चार स्कॉर्पियो बरामद कर दो अपराधियों को धर दबोचा गया है.
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झारखंड व बिहार से इनकी हुई है गिरफ्तारी
झारखंड के गिरिडीह जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नगीना सिंह रोड का सुबोध कुमार(35 वर्ष) पिता-घनश्याम प्रसाद.
झारखंड के दुमका जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुखराली का कमल पाल (30 वर्ष), पिता-द्वारिकानाथ पाल.
झारखंड के दुमका जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के असहना का नवीन कुमार सिंह(28 वर्ष), पिता-जगत नारायण सिंह.
बिहार के बक्सर जिले के डुमराव थाना क्षेत्र के सफाखाना रोड के कमलेश सिंह यादव(50 वर्ष)पिता-यमुना सिंह.
बिहार के सारण (छपरा) के भगवान बाजार, जगलाल चौधरी कॉलेज ब्रह्मपुर के पास का सोनू कुमार सिंह, पिता-वीरेंद्र सिंह
बिहार के समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना क्षेत्र के मुर्राहा का मो रब्बान(45 वर्ष), पिता-मो सागीर.
टीम में ये थे शामिल
अंतरराज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश करनेवाली टीम में डीएसपी मुख्यालय विजय कुमार, एसडीपीओ दुमका नूर मुस्तफा अंसारी, मुफ्फसिल थाना प्रभारी नीतीश कुमार, विवि ओपी प्रभारी, रामगढ़ थाना प्रभारी अरबिंद कुमार राय, काठीकुंड थाना प्रभारी नित्यानंद भोक्ता, तकनीकी शाखा प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह, अनुसंधान विंग के आकृष्ट अमन, एसआई अभिनव कुमार, पुरूषोत्तम अग्निहोत्री, अमित कुमार, बिलकन बागे, रविशंकर कुमार के अलावा आरक्षी अमित कुमार, बबन प्रसाद सिंह, सुभाष कुमार, ब्रजेश सिंह, भगीरथ यादव, गिरिलाल सोरेन, दीपक कुमार, अभिशेषानंद चौबे, अजय कुमार आदि शामिल थे.
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