बेगूसराय में पुत्र को न्याय दिलाने के लिए सत्याग्रह पर पूरा परिवार, तेघड़ा थानाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित ने मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र में बताया कि 14 मई की रात के लगभग दो बजे ग्रामीण मनोज चौकीदार का फोन आया कि आप सोनू को थाने भेज दीजिए. ग्रामीण चौकीदार के कहने पर हमने अपने पुत्र को थाना भेज दिया.
बेगूसराय के तेघड़ा थाना क्षेत्र बरौनी तीन निवासी दिलीप कुमार चंदेल ने अपने पूरे परिवार के साथ समाहरणालय के गेट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है. उन्होंने तेघरा थाना प्रभारी पर अपने पुत्र अभिनव कुमार उर्फ सोनू को साजिश के तहत आर्म्स एक्ट मामले में फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है तथा न्याय की गुहार लगायी है. पीड़ित ने मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र में बताया कि 14 मई की रात के लगभग दो बजे ग्रामीण मनोज चौकीदार का फोन आया कि आप सोनू को थाने भेज दीजिए. ग्रामीण चौकीदार के कहने पर हमने अपने पुत्र को थाना भेज दिया. फिर 20 मिनट बाद कॉल आया कि आपका बेटा लड़की के साथ पकड़ा गया है.
फर्जी केस में फंसाने का आरोप
हमने पूछा कि आप कॉल कर बुलाया, तो फिर बीच में लड़की कहां से आ गयी. हमें बताया गया कि मैनेज करना है, तो थाने आइये. मैं अपनी पत्नी और भाई के साथ थाने पहुंचा, तो वहां देखा कि एक लड़की ऑफिस के बरामदे पर बैठी हुई है. मेरा बेटा थाने के अंदर था. इसी बीच एक अन्य चौकीदार सह मुंशी एक बाइक पर तीन आदमी के साथ आया. मेरे बेटे को सीसीटीवी कैमरे के रेंज से बाहर ले जाकर सभी मिलकर पीटने लगे. हमलोग जब बचाने गये, तो हमलोगों के साथ भी बदसलूकी की गयी. मेरे बेटे को उसी बुरी हालत में हाजत में बंद कर दिया. फिर हमसे एक लाख रुपये की मांग की गयी.
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बेटे को जेल भेज देने की धमकी दी गयी
मैंने देने से मना कर दिया तो बेटे को जेल भेज देने की धमकी दी गयी. बहुत आरजू-मिन्नत की तो सुबह तक का समय दिया गया. उस समय तक मेरे पुत्र की बाइक को हमलोगों के सामने चेक नहीं किया गया. हमलोग घर चले आये और सुबह जब थाने पहुंचे, तो बताया गया कि तुम्हारे बेटे पर आर्म्स एक्ट दर्ज कर लिया गया है. बताया गया कि आर्म्स गाड़ी की सीट के नीचे था. मैंने बोला फिर लड़की कहां चली गयी, तो वे लोग मुझे गाली-गलौज कर भगा दिया और मेरे बेटे को जेल भेज दिया.