बिहार के पश्चिमी चंपारण में इन दिनों मगरमच्छ, सांप और अन्य जीव-जंतु रिहाइशी इलाकों में प्रवेश कर रहे हैं. वीटीआर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र से सटे रिहायशी क्षेत्र में वन्य जीवों का विचरण और उनके हमले काफी बढ़ गए हैं. इसी क्रम में गुरुवार को भीम सेनवा टोला के नजदीक झरहरवा गांव तिरहुत नहर में शौच करने गई एक महिला बदामी देवी (उम्र 45 वर्ष) पर एक मगरमच्छ ने हमला कर दिया. महिला को मगरमच्छ ने बुरी तरह जख्मी कर दिया. जिसके बाद वह शोर मचाने लगी. महिला के शोर मचाने पर ग्रामीणों दौड़े. जिसके बाद मगरमच्छ पानी में चला गया. ग्रामीणों के सहयोग से महिला के उपचार के लिए हरनाटांड़ नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
बता दें कि बीते शनिवार की सुबह थाना क्षेत्र के गोल चौक स्थित जी टाइप गंडक कॉलोनी निवासी नेचर गाइड सोनू कुमार के घर में एक विशाल कदकाठी का मगरमच्छ देखा गया था. यह मगरमच्छ गंडक नदी से भटक कर यहां पहुंचा था. जब घर के लोगों की नजर उस मगरमच्छ पर पड़ी तो वो दंग रह गए थे. घरवालों ने फौरन वन विभाग को इसकी जानकारी दी और रेस्क्यू के लिए टीम पहुंची. वन कर्मियों की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ा और गंडक नदी में सुरक्षित जाकर छोड़ा था. करीब आठ फुट लंबा यह मगरमच्छ था. इन दिनों गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने के कारण जलीय जीव कभी कभार रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं. वनपाल ने लोगों से अपील किया है कि किसी भी प्रकार के जलीय जीव व वन्यजीव दिखाई दे तो उसके साथ छेड़छाड़ ना करें. इसकी सूचना तुरंत वन कार्यालय को दें.
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इधर, वीटीआर वन प्रमंडल दो वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र से सटे सिंचाई विभाग के अतिथि भवन जाने वाले मुख्य मार्ग में वन क्षेत्र से भटककर भालू के विचरण करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक भालू पिछले सप्ताह से कॉलोनी के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहा है. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है. इसी क्रम में बुधवार की सुबह जटाशंकर वन क्षेत्र से भटककर एक भालू अतिथि भवन जाने वाले मुख्य मार्ग में जा पहुंचा. भालू को देख लोग काफी डर गए. किंतु इस बीच कुछ युवकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. जिससे भालू वन क्षेत्र की तरफ भाग निकला. बता दें कि इसके पूर्व हुए लगातार बारिश के बाद पड़ रही भीषण जानलेवा गर्मी से व्याकुल होकर वन्यजीव और सांप वगैरह भी रिहायशी क्षेत्रों में निकल रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है. इस बाबत पूछे जाने पर वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के प्रभारी वनपाल गजेंद्र सिंह ने बताया कि वन क्षेत्र से रिहायशी क्षेत्र सटे हुए हैं. अतिथि भवन जाने वाला मार्ग वन क्षेत्र से होकर गुजरता है. जिस कारण कभी-कभार वन्यजीव रास्ता भटक कर आ जाते हैं. ग्रामीणों से अपील है कि वे सतर्क और सजग रहे. किसी भी वन्यजीव को देखने के बाद इसकी सूचना तत्काल वन क्षेत्र कार्यालय को दें. ताकि वनकर्मी तत्काल पहुंचकर वन्यजीवों का रेस्क्यू कर सके.
वीटीआर वन प्रमंडल दो वाल्मीकिनगर वनक्षेत्र के कोतराहा गांव में तेरह फीट लंबा एक विशालकाय किंग कोबरा वाल्मीकि रिसोर्ट के समीप गांव में जा घुसा. सांप की फुफकार सुनकर ग्रामीण चीखते चिल्लाते इधर-उधर भागने लगे. तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी गयी. सूचना पर स्नेक कैचर की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 13 फीट लंबे किंग कोबरा का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. रेस्क्यू के उपरांत किंग कोबरा को जटाशंकर वन क्षेत्र के कक्ष संख्या टी वन में छोड़ दिया गया. वाल्मीकिनगर वनपाल नवीन कुमार ने बताया कि हिंसक वन्यजीवों से सतर्क रहने की आवश्यकता है. मौके पर वनरक्षी आजाद कुमार, वनकर्मी शंकर यादव, मुद्रिका यादव, गोरख राम समेत अन्य विभागीय कर्मी उपस्थित रहे.