भागलपुर. वन प्रमंडल एवं सृष्टि गंगा प्रहरी सोसाइटी ने संयुक्त रूप से सुलतानगंज गंगा घाट पर मगरमच्छ के प्रति लोगों को जागरूक किया. इस दौरान लोगों से कहा गया कि गंगा नदी समेत अन्य नदी मगरमच्छ जैसे जीव का भी घर है. ऐसे में लोगों से आग्रह है कि गंगा के वाहन के सम्मान के लिए गंगा के गहरे पानी में आस्था की डुबकी अभी नहीं लगाये साथ ही तैराकी भी न करे. जिससे मगरमच्छ से आम इंसान सुरक्षित रह सके.
गंगा नदी में मगरमच्छ व घड़ियाल, आदि का दिखना नदी के स्वस्थ्य पारस्थितिक तंत्र का सूचक भी है. वन विभाग की ओर से जागरूकता के लिए मंदिर के पास एक बोर्ड भी लगाया गया है. मौके पर वनपाल सुभाष चंद्र यादव, गंगा प्रहरी मुकेश चौधरी, गौरव सिन्हा, आशुतोष कुमार, आनंद शर्मा समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.
लगातार जगह बदलने वाला मगरमच्छ वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मी के सामने नहीं आ रहा है. ये कर्मी पिछले पंद्रह दिनों से मगरमच्छ की खोज में लगे हैं. दूसरी और लोग नदी किनारे आराम करते मगरमच्छ का वीडियो बना कर वायरल कर रहे हैं.
शनिवार को सुल्तानगंज स्थित गंगा नदी जहाज घाट के समीप मगरमच्छ ने स्नान करने गए युवक को पानी के अंदर खींच लिया और उसके एक पैर को चबा गया. मगरमच्छ के हमले से घायल हुआ युवक किसी प्रकार मगरमच्छ के चंगुल से बाहर निकला. लेकिन, तब तक मगरमच्छ ने युवक के दायां पैर का मांश नोच लिया और उसके नुकीले दांत से उसके पैर की हड्डी भी टूट गई.
43 वर्षीय जख्मी युवक सुरेश मंडल पेशे से किसान हैं. इस हमले के बाद सुरेश के परिजनों ने उसे शहर के एक प्राइवेट क्लीनिक में भर्ती कराया है. जहां उनको बेहतर इलाज के लिए उसे भागलपुर रेफर किया गया है. वहीं इससे पहले बीते एक सप्ताह से मगरमच्छ यहां पर अपना आतंक मचाये हुए हैं. सबसे पहले अजगैवीनाथ मंदिर के पास पिछले दिनों एक मगरमच्छ देखा गया था.
श्रावणी मेला के दौरान उसके दिखते ही श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया था. मगरमच्छ को पकड़ने में वन विभाग असफल रहा था. फिर बुधवार को मगरमच्छ अपना शिकार खोजने नदी से बाहर निकल गया था. मगरमच्छ को बाहर देखते ही ग्रामीणों में अफरातफरी मच गयी. किसी तरह मगरमच्छ को वापस पानी में भगाया गया था.