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श्रावणी मेला: सुल्तानगंज गंगा घाट पर मगरमच्छ दिखने से हड़कंप, श्रद्धालुओं को नदी से निकाला गया फौरन बाहर

सुल्तानगंज में गंगा घाट पर मगरमच्छ देखे जाने के बाद श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया. वहीं जानकारी मिलते ही वन विभाग व प्रशासन की टीम घाट पर पहुंची. बैरिकेडिंग किया गया जिसके बाद लोगों को स्नान करने की अनुमति दी गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2022 1:01 PM
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श्रावणी मेला 2022 के दौरान एक तरफ जहां कांवरियों का हुजूम सुल्तानगंज गंगा घाट पर उमड़ रहा है वहीं अब नई सीढ़ी घाट पर मगरमच्छ मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. कांवरियों के अंदर एक भय का माहौल बन गया है. शुक्रवार को पक्की सीढ़ी घाट पर स्नान करने से कुछ श्रद्धालुओं को रोका गया और बैरिकेडिंग की गयी. मगरमच्छ देखे जाने की सूचना पर प्रशासनिक पदाधिकारी भी घाट पर पहुंच गये.

अचानक नजर आया मगरमच्छ

सुल्तानगंज में पर्यटन विभाग की ओर से जो नया गंगा घाट बनाया गया है वहां कुछ दिनों से मगरमच्छ देखा जा रहा है. शुक्रवार को भी स्नान कर रहे कुछ लोगों की नजर मगरमच्छ पर गयी. हालांकि ये घाट किनारे से काफी दूर था. सूचना मिलने पर प्रशासनिक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. बीडीओ, सीओ, पुलिस पदाधिकारी घाट पर पहुंचे और जायजा लिया.

मगरमच्छ और घड़ियाल में रहा कन्फ्यूजन

सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे. पहले इस बात को लेकर कन्फ्यूजन रहा कि गंगा में मगरमच्छ देखा गया है या घड़ियाल. लेकिन जब मगरमच्छ ने मुंह खोला तो यह स्पष्ट हो गया कि घाट पर मगरमच्छ ही घूम रहा है. जिसके बाद बैरिकेडिंग की गयी.

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सुरक्षा की मांग

वन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि कहलगांव के बटेश्वर स्थान से अजगैवीनाथ मंदिर तक डॉल्फिन सेंचुरी है. मगरमच्छ की सूचना भी विभाग को पत्र के माध्यम से दी गयी है. वहीं मांग की गयी है कि लोगों की सुरक्षा के लिए एक स्थायी टीम प्रतिनियुक्त किया जाए. सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था मांगी गयी है.

पुलिस से उलझे लोग 

उधर, एक अन्य मामले में नमामि गंगे घाट पर शुक्रवार की देर शाम दाह संस्कार करने आये लोग गंगा स्नान करने पहुंचे. पुलिस ने जब उन्हें कांवरियों की पवित्रता और शुद्धता का हवाला देते हुए दूसरे घाट पर स्नान करने को कहा तो वे पुलिस से उलझ गये. उनका कहना था कि गंगा घाट सभी का है. मेला क्षेत्र मे तैनात पदाधिकारी ने लोगों को समझा कर शांत कराया और उन्हें दूसरे घाट पर स्नान के लिए भेजा.

Published By: Thakur Shaktilochan

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