Bihar News: बिहार में तेज बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा तो पानी का फैलाव भी अब तेजी से हो रहा है. वहीं पश्चिम चंपारण में मगरमच्छ अब रिहायशी इलाकों की ओर जाने लगे हैं. लोगों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है. वनकर्मियों ने अलग-अलग जगहों से दो मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ा गया है. वहीं एक मगरमच्छ का शव रेलवे ट्रैक पर बरामद किया गया.
गोरखपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर ट्रेन से कटकर एक मगरमच्छ की मौत हो गयी. घटना वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन व बगहा स्टेशन के बीच मंगलपुर गुमटी संख्या-54 के समीप हुई. इसकी सूचना रेलवे कर्मी ने मदनपुर वन प्रक्षेत्र कार्यालय को दी. इसके बाद वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची. रेलवे लाइन के बीच दो भागों में कटे मृत मगरमच्छ के शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी.
मगरमच्छ की मौत के संदर्भ में रामपुर वन परिसर के वनपाल राजेश रौशन ने बताया कि वन कर्मियों की टीम रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटकर मरे मगरमच्छ के शव को बरामद कर मदनपुर वन प्रक्षेत्र कार्यालय लाया है. वहां पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया गया. उन्होंने बताया कि मगरमच्छ किस ट्रेन से कटा है, इसकी जांच पड़ताल की जा रही है.
Also Read: Bihar Flood: वाल्मीकिनगर बराज के सभी फाटक खोले गए, दर्जन भर नदियों में उफान से मंडराया बाढ़ का खतरा
बीते दिनों हुई बारिश के कारण वीटीआर के जंगल होकर गुजरी गंडक नदी व नालों में पानी भर जाने से जंगल की चारों तरफ पानी फैल जाने से रिहायशी इलाकों की ओर विषैले सांप, मगरमच्छ, सूअर, भालू समेत अन्य हिंसक जंगली जानवरों का भटकने का सिलसिला शुरू हो गया है. इन जानवरों को गांवों में देख लोगों के अंदर जानमाल की सुरक्षा चिंता सताने लगी है तथा लोग रतजगा करने को विवश हो गए हैं. इसी क्रम में वीटीआर वन प्रमंडल दो मदनपुर वन क्षेत्र के मंगलपुर औसानी व गोबरहिया गांव में दो मगरमच्छ निकलने की सूचना मदनपुर प्रक्षेत्र कार्यालय को मिली.
इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वनपाल राजेश रौशन तथा वनरक्षी गौरीशंकर दुबे के नेतृत्व में अलग-अलग वन कर्मियों की टीम पहुंची. दोनों वन कर्मियों की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच मगरमच्छ को गांव के पास से सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. इस संदर्भ में मदनपुर वन प्रक्षेत्र के प्रभारी वन अधिकारी अवधेश प्रसाद सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर अलग-अलग गांव से दो मगरमच्छ को सुरक्षित रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया गया.
Published By: Thakur Shaktilochan