Patna News: एसबीआइ के मीठापुर ब्रांच की मशीन से 1.58 करोड़ गायब, कैश इंचार्ज पर केस

स्पेशल एसोसिएट सह कैश इंचार्ज अनिल कुमार व सर्विस मैनेजर सुरेश कुमार सिंह द्वारा संचालित किया जा रहा था. अनिल कुमार मीठापुर ब्रांच में वर्ष 2018 से नियुक्त हैं. वे बैंक से छह जनवरी 2023 से लेकर 17 जनवरी 2023 तक अनिवार्य अवकाश पर थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2023 11:48 PM

पटना. एसबीआइ के मीठापुर ब्रांच में लगी दो ऑटोमेटेड डिपोजिट कम विड्रावल मशीन (एडीडब्ल्यूएम) से एक करोड़ 58 लाख 37 हजार 700 रुपये गायब कर दिये गये. मामले की जानकारी उस समय हुई जब ब्रांच के जनरल लेजर अकाउंट में इतने रुपये कम पाये गये. इसके बाद बैंक प्रशासन ने जांच करायी तो 24 जनवरी 2023 को पुष्टि हो गयी कि दोनों एडीडब्ल्यू मशीन से डेढ़ करोड़ से अधिक रुपये गायब कर दिये गये हैं.

रिजनल मैनेजर ने थाने में दर्ज कराया मामला 

रुपयों के गायब होने के बाद इस से संबंधित तमाम प्रकार की जांच के साथ ही बैंक के अंदर पत्राचार हुआ. इसके बाद बैंक प्रशासन इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि इन रुपयों के गायब होने में प्रथम दृष्टया संलिप्तता एडीडब्ल्यू मशीन के कैश इंचार्ज अनिल कुमार की है. इसके बाद 11 अप्रैल को बैंक के आरबीओ पटना सेंट्रल जेसी रोड के रिजनल मैनेजर शैलेश कुमार ने अनिल कुमार समेत दो के खिलाफ जक्कनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है.

कैश इंचार्ज मामला प्रकाश होते ही हो गये फरार

जनवरी माह में ही कैश इंचार्ज की संलिप्तता सामने आने के बाद वे फरार हो गये. रिजनल मैनेजर शैलेश कुमार ने पुलिस को बताया कि उक्त मशीन को स्पेशल एसोसिएट सह कैश इंचार्ज अनिल कुमार व सर्विस मैनेजर सुरेश कुमार सिंह द्वारा संचालित किया जा रहा था. अनिल कुमार मीठापुर ब्रांच में वर्ष 2018 से नियुक्त हैं. वे बैंक से छह जनवरी 2023 से लेकर 17 जनवरी 2023 तक अनिवार्य अवकाश पर थे. इस दौरान सीनियर एसोसिएट असलम अंसारी को जिम्मेदारी दी गयी थी. इसी अनिवार्य अवकाश के दौरान अनिल कुमार ने दोनों एडीडब्ल्यू मशीन को संयुक्त कस्टोडियन असलम अंसारी व सुरेश कुमार सिंह के साख का दुरुपयोग कर ऑपरेट किया. ये बातें दोनों कस्टोडियन से पूछताछ के बाद सामने आयी हैं. इसके बाद जब कैश की कमी का मामला सामने आया तो अनिल कुमार फरार हो गये. रिजनल मैनेजर ने यह भी बताया है कि जांच के दौरान जो बातें सामने आयी हैं, उससे प्रथम दृष्टया स्पष्ट है कि अनिल कुमार ने ही जालसाजी की है.

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