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सागवान की खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान, कम लागत में होगा ज्यादा मुनाफा

पारंपरिक खेती से हट के किसान खेती के अन्य विकल्पों की तरफ रुख कर रहे हैं.बतादें की विशेषज्ञों द्वारा किसानों को खेती के अलावा ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पेड़ लगाने की सलाह भी दी जाती है.देखा जाए तो किसानों के बीच सागवान के पेड़ों की खेती भी काफी लोकप्रिय है.

पारंपरिक खेती से हट के किसान खेती के अन्य विकल्पों की तरफ रुख कर रहे हैं.बतादें की विशेषज्ञों द्वारा किसानों को खेती के अलावा ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पेड़ लगाने की सलाह भी दी जाती है.देखा जाए तो किसानों के बीच सागवान के पेड़ों की खेती भी काफी लोकप्रिय है.सागवान की लकड़ी को सबसे महंगी और मजबूत लकड़ियों में जाना जाता है.यह पेड़ 200 वर्षो से अधिक समय तक जीवित रहता है.इसके पेड़ों को लगाने से किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकता है.

सागवान के पौधों को व्यापारिक रूप से उगाया जाता है

सागवान के पौधों को व्यापारिक रूप से उगाया जाता है और इसके पूर्ण विकसित पेड़ों की लम्बाई 100 से 140 फ़ीट तक की होती है. इस पेड़ का इस्तेमाल प्लाईवुड,जहाज़,रेल के डिब्बे और विभिन्न प्रकार के बहुमूल्य फर्नीचरों को बनाने में किया जाता है.सागवान की छाल और पत्तियों में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं.इससे कई तरह की दवाओं को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.सागवान की लकड़ी में कई तरह के गुण होने की वजह से इसकी मांग हमेशा बाज़ारो में रहती है.

इसकी लकड़ी में दीमक नहीं लगता

सागवान की लकड़ी हल्की होती है और अधिक समय टिकी रहती है. इसकी लकड़ी की खास बात यह है की इसमें दीमक नहीं लगता है.सागवान की लकड़ी में आसानी से पॉलिश चढ़ जाती है.सागवान की खेती में कम रिस्क और अधिक कमाई है. जिससे किसान इसकी खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.सागवान के पेड़ों के बीच किसान सब्जियों और फूलों की भी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.सागवान के पौधों को उगाने के लिए किसी खास तरह की मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है.सगवान के पौधों को दोमट मिट्टी में भी आसानी से ऊगा सकते है.इसके पौधों को अच्छे से वृद्धि करने के लिए शुष्क और आद्र मौसम जलवायु की आवश्यकता होती है.

इसे तैयार होने में 10 से 12 वर्ष तक का समय लगता है

सागवान की कुछ प्रमुख किस्में हैं जैसे की दक्षिणी और मध्य अमेरिका सागवान,पश्चिमी अफ्रीकी सागवान,अदिलाबाद सागवान,गोदावरी सागवान और कोन्नी सागवान .इन सभी किस्मो के पेड़ो की लम्बाई अलग-अलग पाई जाती है.सरकार की अनुमति के बिना इसके पेड़ो की कटाई करना गैर-कानूनी होता है.सागवान के पेड़ो को तैयार होने में 10 से 12 वर्ष तक का समय लगता है.मिडिया रिपोर्ट की मानें तो बाजार में सागवान का भाव 2 हजार 500 रूपये प्रति फ़ीट क्यूबिक होता है.इससे एक पेड़ की कीमत 30 हजार के आसपास होती है.

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