G-20 की बैठक में शामिल होने आए मेहमानों के लिए पटना में आयोजित होगा कार्यक्रम, परोसे जाएंगे बिहारी व्यंजन

6 और 7 मार्च 2023 को बिहार में होने वाली जी-20 समूह की बैठकों को लेकर सरकार ने अभी से तैयारी में शुरू कर दी है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसको लेकर कई राउंड की बैठक हो चुकी है. जी-20 समूह देशों के 250 के करीब प्रतिनिधि आने की संभावना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2022 4:17 AM

पटना: अगले साल 6 और 7 मार्च 2023 को बिहार में होने वाली जी-20 समूह की बैठकों को लेकर सरकार ने अभी से तैयारी में शुरू कर दी है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसको लेकर कई राउंड की बैठक हो चुकी है. जी-20 समूह देशों के 250 के करीब प्रतिनिधि आने की संभावना है.

इन प्रतिनिधियों के सामने बिहार अपने अपने पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत को शोकेश करेगा. पटना स्थिति बिहार म्यूजियम के अलावा बोधगया, नालंदा और राजगीर के पुरातात्विक स्थलों का विदेशी मेहमान को सैर कराया जायेगा. उन्हें बिहार के समृद्ध विरासत से स परिचित कराया जायेगा. पटना के अशोका कंवेंशन सेंटर में उनके लिए एक ओर जहां सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन किया जायेगा, वहीं बिहार के मशहूर व्यंजन भी परोसे जायेंगे.

कला-संस्कृति विभाग को तैयारी के लिए बनाया गया नोडल विभाग

इस प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए कला-संस्कृति विभाग को नोडल विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है. इस विभाग के सचिव वंदना प्रेयषी को को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. उनके कोअर्डिनेशन में पर्यटन समेत दूसरे अन्य विभाग काम करेगा. पर्यटन विभाग के सूत्रों का कहना है पटना,राजगीर,नालंदा और बोध गया के पर्यटक स्थलों को इस आयोजन के लिए विशेष तौर पर सजाए जाएंगे.

नालंदा महाविहार के इर्दगिर्द के क्षेत्रों का सजाया-संवारा जाएगा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) भी जी-20 समूह के आयोजन को देखते हुए तैयारी में जुट गया है. नालंदा महाविहार के अवशेष के इर्दगिर्द के क्षेत्रों और पहुंच पथ सजाने-संवारे की योजना है.विश्व धरोहर में शामिल यह महाविहार नालंदा जिला में है. इसके इर्द-गिर्द के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है. एएसआई अतिक्रमण हटाने के लिए नालंदा के जिलाधिकारी से किया है. नालंदा में जी-20 समूह देशों के प्रतिनिधिमंडल नालंदा महाविहार, सोन भंडार गुफाओं, साइक्लोपियन वॉल, सुजाता स्तूप, बाणगंगा, मनियार मठ सहित कई एएसआइ संरक्षित स्मारकों का भी दौरा करेंगे.

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