Cyber Criminal जमुई में काफी एक्टिव हैं. इसके एटीएम फ्रॉड गिरोह के सदस्य लगातार शहर में लोगों को निशाना बना रहे हैं. शुक्रवार को भी मलयपुर में साइबर अपराधियों ने एक महिला शिक्षिका को निशाना बनाया. लगातार हो रही साइबर अपराध की घटनाएं के पीछे की वजह भी अब लोगों के सामने आ रही है. बताते चलें कि एटीएम के जरिए धोखाधड़ी करने वाले शातिरों ने ठगी का नया रास्ता खोज निकाला है, जिसमें उन्हें अब लोगों का एटीएम कार्ड चुराने की भी जरूरत नहीं है. एटीएम स्कीमिंग के जरिए वह उपभोक्ताओं के खाते से मोटी रकम उड़ा ले जाते हैं.
एटीएम स्कीमिंग कार्ड के जानकारी के चुराने की प्रक्रिया को कहते हैं. इसमें ठग एटीएम कार्ड रीडर के ऊपर नकली कार्ड रीडर लगा देते हैं. वहीं कीबोर्ड के ऊपर स्कैनर लगा देते हैं. कार्ड रीडर आपके कार्ड में मैग्नेटिक टेप की गुप्त जानकारी स्टोर कर लेता है और स्केनर कीबोर्ड पर पासवर्ड को रिकॉर्ड कर लेता है. इसके लिए कार्ड रीडर से आपके कार्ड की मैग्नेटिक टेप की इंफॉर्मेशन और स्कैनर से पासवर्ड चुराने के बाद यह शातिर ठग एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते हैं. ऐसे में लोगों को अधिक सुरक्षित रहने की जरूरत है.
इन गिरोह का शिकार बनने से बचने हेतु सभी लोगों को चाहिए कि वह किसी भी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा ना करें. जब आप जिस एटीएम में पैसा निकालने के लिए जाते हैं, सबसे पहले तो आप मशीन को ठीक तरीके से देख ले. कीबोर्ड या फिर कार्ड रीडर में कुछ अजीब लगे तो एटीएम यूज ना करें. ढीला कार्ड रीडर और फिसलती कीबोर्ड के बटन पर ध्यान दें. जब भी आप एटीएम में अपनी पिन कोड को दर्ज करते हैं, तो कीबोर्ड को हाथ या शरीर के जरिए ढक लें, क्योंकि आसपास कैमरे भी हो सकते हैं. इसके साथ ही बैंक से रोज होने वाली लेनदेन की सूचना के लिए एसएमएस सुविधा जरूर जाल चालू रखें.
– जब भी एटीएम कार्ड से रुपये निकालने जाएं, एटीएम मशीन में कैमरे को तलाश करने की कोशिश करें
– जहां कार्ड स्वैप किया जाता है, उस जगह को हिलाकर देखें. यदि वहां कैमरा लगा होगा तो वह खुद निकल आएगा
– लेन-देन की जानकारी के लिए अपने मोबाइल पर एसएमएस अलर्ट सेवा लें
– एटीएम से बाहर निकलने के बाद एक बार क्लियर बटन जरूर दबाएं
– लेनदेन की रसीद अपने पास रखें, उसे एटीएम के पास फेंककर न जाएं
– नकदी निकलने के बाद एटीएम के सामने खड़े होकर पैसा न गिनें
– पिन दर्ज करते समय एटीएम के नजदीक खड़े रहें, हाथ से की-पैड को ढक लें
– हमेशा अपना पिन कोड याद रखें, उसे लिखकर या फिर साथ लेकर न चलें
– एटीएम पिन के लिए अपनी जन्मतिथि या गाड़ी के नंबर का इस्तेमाल न करें
रिपोर्ट: गुलशन कश्यप