Bihar News: पटना में शुक्रवार को पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने साइबर अपराधी मुन्ना कुमार (सिकंदरा, फतेहपुर, बेलछी) को राजेंद्र नगर हार्ट हॉस्पिटल के पास गिरफ्तार किया है. इसके पास से एक कीमती मोबाइल फोन, 1.50 लाख रुपये नकद व अलग-अलग बैंकों के 60 एटीएम कार्ड बरामद किये गये हैं. ये एटीएम कार्ड दूसरे लोगों के नाम पर थे और इसके मालिक अधिकांश गरीब व मजदूर तबके के लोग हैं.
हालांकि सरगना शिवशंकर उर्फ शंभूनाथ, शिवशंकर का भतीजा, शशिकांत व पटेल फरार होने में सफल रहे. इन सभी के अलावे गिरोह में एक दर्जन से अधिक सदस्य हैं, जो साइबर अपराध करते हैं. ये अपराधी कई लोगों के खाते को किराये पर ले रखा है और उसके एवज में खाताधारक को मूल जमा राशि का 10% कमीशन देते हैं. अगर पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की, तो साइबर अपराधी आसानी से बच निकलते हैं और खाताधारक पकड़ा जाता है.
एटीएम में घूम-घूम कर निकाल रहे थे पैसा
जानकारी के अनुसार, शिवशंकर व मुन्ना कुमार बाइक पर सवार होकर साइबर अपराध के पैसों को निकालने के लिए राजेंद्र नगर हार्ट हॉस्पिटल एटीएम के पास पहुंचे थे. इसी बीच पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती को शक हुआ और उन्होंने बाइक सवार दोनों युवकों को रोक कर पूछताछ करने का प्रयास किया, तो दोनों भागने लगे. लेकिन पुलिस ने मुन्ना कुमार को पकड़ लिया, जबकि शिवशंकर फरार हो गया. पूछताछ में मुन्ना ने अपने गिरोह के सरगना शिवशंकर समेत सभी के संबंध में पूरी जानकारी दे दी.
एटीएम कार्ड और चेक बुक रख लेते थे अपने पास
साइबर अपराधी के निशाने पर गरीब रहते थे. वे लोग उनसे उनका आधार कार्ड ले लेते थे और उनके नाम पर किसी भी बैंक में खाता खुलवा देते थे. एटीएम कार्ड और चेक बुक अपने पास रख लेते थे. इसके साथ ही वे लोगों को यह बताते थे कि उनके खाते में बिजनेस का पैसा आयेगा. उसे आपको नहीं निकालना है, बल्कि वे लोग एटीएम कार्ड से निकालेंगे और जितनी रकम खाता में आयेगी.
गिरोह को एक माह में होती है 84 लाख रुपये की कमाई
पटना. साइबर अपराधियों के गिरोह को एक माह में करीब 84 लाख रुपये की कमाई होती है. यह खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है. पकड़े गये गिरोह के सदस्य मुन्ना ने बताया कि उन लोगों के सभी सदस्यों को मिला कर 200 से अधिक एटीएम कार्ड है. सभी का अपना-अपना काम बंटा हुआ है और यह कई स्तर पर होता है. गिरोह के दो-तीन सदस्य लोगों को फोन कॉल कर बेवकूफ बनाता है और उनके रुपयों को अपने खाते में स्थानांतरित करता है. रुपये खाता में आते ही दो-तीन सदस्य उसे एटीएम कार्ड से निकालने में जुट जाते हैं और सारी रकम निकालने के बाद कैश डिपोजिट मशीन के माध्यम से सरगना शिवशंकर के खाता में डाल देता था.
सरगना बना रहा था करोड़ों का आलीशान मकान
पुलिस जब शिवशंकर को पकड़ने के लिए उसके छोटी पहाड़ी में स्थित उसके ठिकाने पर पहुंची तो पाया कि वह साइबर अपराध से कमाये गये रुपयों से महंगी जमीन पर तीन मंजिला आलीशान मकान बनवा रहा है. केवल जमीन की कीमत एक करोड़ से अधिक थी. दो-तीन साल में ही शिवशंकर ने साइबर अपराध से करोड़ों रुपये कमाये और कई युवकों को इस धंधे में प्रशिक्षण देकर लाया. पुलिस इस मकान को जब्त करने की अनुशंसा करेगी. हालांकि शिवशंकर हाथ नहीं लगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha