शुभम कुमार, पटना. किसी भी विषय पर जानकारी लेने, डाटा, नंबर या फिर अन्य जरूरी जानकारियों के लिए लोग अक्सर सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब सर्च इंजन पर साइबर फ्रॉड ने जाल फैला दिया है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले एक सप्ताह में पटना के छह थानों में 14 ऐसे साइबर ठगी के मामले आये, जिनमें सर्च इंजन पर किसी विषय के बारे में जानकारी लेना उन्हें भारी पड़ गया. सर्च करने के कुछ ही देर बाद साइबर फ्रॉड द्वारा कॉल कर संबंधित व्यक्ति को झांसा में लेकर ठगी का शिकार बनाया गया है. पटना पुलिस के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अब तक करीब तीन माह में 31 फर्जी सरकारी वेबसाइट और 400 से अधिक फर्जी निजी वेबसाइट को बंद किया है.
एथिकल हैकर व साइबर एक्सपर्ट निशांत शर्मा ने बताया कि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के जरिये ठग अपना नंबर 20 हजार रुपये खर्च करके पोस्ट करवा देते हैं. यहां तक कि सर्च इंजन पर ठगों का नंबर सबसे पहले दिखाई दे, इसके लिए अलग से सर्च इंजन को पेमेंट करते हैं. इसमें अधिकतम 15 हजार रुपये का खर्च आता है. ठगों को पता रहता है कि बड़ी कंपनियां सर्च इंजन पर अपना कस्टमर केयर नंबर पोस्ट करने के लिए पैसा खर्च नहीं करती हैं. इसी का फायदा उठाकर ठग लोगों से ठगी करते हैं. इधर एक साल में फर्जी वेबसाइट के मामले बढ़े हैं. इस वेबसाइट को भी सबसे पहले सर्च इंजन पर दिखाने के लिए साइबर फ्रॉड पेमेंट करते हैं.
केस-1 : भिखना पहाड़ी के रहने वाले शुभोजीत से जालसाजों ने 60 हजार रुपये की ठगी कर ली. शुभोजीत ने पुलिस को बताया कि उन्हें बच्चे के देखभाल के लिए मेड की आवश्यकता थी. विभिन्न वेबसाइट पर तलाश शुरू की. 24 मार्च को वाट्सएप पर एक मैसेज आया और कई मेड की तस्वीर और प्रोफाइल भेजा गया. एक युवती को मेड बनाकर भेजा गया. वह छह महीने की एडवांस सैलरी व दस हजार कमीशन लेकर फरार हो गयी.
केस-2 : यारपुर राजपुताना में किराये पर रहने वाली पूजा कुमारी ने बैंक के कस्टमर केयर का नंबर निकालने के लिए सर्च इंजन पर नंबर खंगाला. एक युवक ने बैंक प्रतिनिधि बनकर फोन किया और कहा कि एटीएम कार्ड कुरियर से आया है. कुरियर ब्वाय को पता नहीं मिल रहा है. पता चेंज करवाने के लिए 5 रुपया फीस लगेगी. इसके बाद शातिरों ने 28, 299 रुपये की निकासी कर ली.
केस-3 : कौटिल्य नगर के रहने वाले व्यवसायी संतोष कुमार से साइबर शातिरों ने 2.15 लाख रुपये की ठगी कर ली. संतोष ने हवाई अड्डा थाने में केस दर्ज कराया है. वे लोन लेना चाह रहे थे और ऑनलाइन फाइनेंस कंपनी को सर्च कर रहे थे. तभी मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया. युवती ने ममता नाम बताया और खुद को इयू फाइनेंस कंपनी का कर्मी बताया. उसने संतोष से कंपनी के बारे में जानकारी मांगी. व्यवसायी ने सारे कागजात वाट्सएप से दे दिये. इसके बाद यूपीआइ से पैसे की निकासी हो गयी.
इओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि साइबर क्राइम होने पर पब्लिक और पुलिस के लिए शुरुआत के 1 से 2 घंटे गोल्डन पीरियड होते हैं. अगर पीड़ित तत्काल कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज करा दे और पुलिस मामले को संज्ञान लेते हुए काम करे, तो ऐसी स्थिति में तेजी से काम करते हुए ठगी के शिकार व्यक्ति को उनका पूरा रुपया वापस कराया जाता है. इसके लिए पब्लिक को भी जागरूक होना होगा. क्योंकि, साइबर अपराधी लगातार अपना तरीका बदल रहे हैं. इस वजह से लोग उनके झांसे में आ जा रहे हैं. अधिक मुनाफा या जल्दबाजी में किसी काम को करने के लिए वह तुरंत किसी अज्ञात पर भरोसा कर उसे तुरंत निजी जानकारी साझा कर देते हैं, जिसके कारण ठगी के शिकार हो जाते हैं.
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2021 में पटना में 1560 केस दर्ज किये गये
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2022 पटना में कुल 2400 केस दर्ज किये गये
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31 फर्जी सरकारी वेबसाइट बंद (आंकड़ा 2021-22)
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400 से अधिक फर्जी निजी वेबसाइट बंद (आंकड़ा 2021-22)
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हर दिन पटना में पांच फेक सोशल मीडिया अकाउंट के मामले (थानों में आने वाले)