नितिश , पटना. साइबर बदमाश इतने शातिर हो गए हैं कि पूरे देश की पुलिस को परेशान कर रखा है. लेकिन गिरोह के सरगना पकड़े भी नहीं जाते हैं. इनका नेटवर्क इस तरह का है कि ये पकड़े भी नहीं जाते हैं, क्योंकि एक साइबर क्राइम के तार दो-तीन राज्यों से जुड़े होते हैं. साइबर बदमाशों का गिरोह पूरे देश में सक्रिय है और इनके नेटवर्क हर राज्य से जुड़े हैं. यह गिरोह इतना शातिर है कि महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान या अन्य राज्यों से कॉल करते हैं. सिम कार्ड इनका पश्चिम बंगाल का होता है और खाता बिहार के पटना, बेतिया, मधुबनी, सीतामढ़ी आदि जिलों के होते हैं.
अब इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि साइबर अपराध के कनेक्शन कितने राज्यों व जिलों से जुड़े हुए हैं. जिसका नतीजा है कि साइबर बदमाशों के सरगना गिरफ्तार नहीं होते हैं, बल्कि जिन गरीबों के नाम पर खाता खुला होता है, वे ही हाथ लगते हैं. या फिर वे पकड़े जाते हैं जिनके नाम पर सिम कार्ड होते हैं. सरगना के नहीं पकड़े जाने के कारण साइबर अपराध की घटनाएं लगातार घटती रहती हैं. पटना पुलिस ने साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए सभी केसों की जांच की. जिसमें यह खुलासा हुआ है कि साइबर क्राइम के प्राय: सभी मामलों के कनेक्शन कम से कम तीन राज्यों से जुड़े होते हैं. इसके कारण साइबर क्राइम गिरोह के सरगना को पकड़ना आसान काम नहीं है.
पटना पुलिस की टीम ने पत्रकार नगर इलाके में साइबर बदमाश अरवल निवासी सिंटू और मिंटू को गिरफ्तार किया था. इन लोगों के पास से सिम कार्ड, बैंक खाता व अन्य दस्तावेज बरामद किये गये थे. जितने भी सिम कार्ड बरामद किये गये थे, वे सभी पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, मिजोरम, दिल्ली व बिहार के पटना सहित कई जिलों से लोगों के नाम पर लिये गये थे. जबकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर आदि जिलों के खाते से संबंधित कागजात थे. सिंटू व मिंटू गिरोह के सरगना भी नहीं पकड़े गये हैं. ऐसे कई अन्य गिरोह के सदस्य भी पकड़े गये, जिनके पास से कुछ इसी तरह के कई राज्यों के दस्तावेज से लिये गये सिम कार्ड, बैंक खाता आदि बरामद किये गये.
गिरोह इतना शातिर है कि वह पूरा काम इस तरह करता है कि उसके पकड़े जाने की संभावना नगण्य होती है. पुलिस अगर अनुसंधान भी करे तो कम से दो से तीन राज्यों का चक्कर लगाना पड़ जाये. और, अगर कोई पकड़ा भी जाता है तो वह साइबर क्राइम करने वाले गिरोह के निचले स्तर का व्यक्ति होता है.
साइबर बदमाशों का गिरोह पश्चिम बंगाल के किसी व्यक्ति के नाम पर लिए गये मोबाइल नंबर से महाराष्ट्र के किसी व्यक्ति को ठगी का शिकार बनाते थे और उसके पैसे पटना में खुले खाता में डलवाते हैं. इस प्रकार, महज एक साइबर क्राइम की घटना में जांच के क्रम में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र व बिहार से तार जुड़े होते हैं. पुलिस तीनों राज्यों का चक्कर लगा भी ले तो सरगना तक पहुंचना आसान नहीं है. इसके अलावा अगर पटना के किसी व्यक्ति को ठगी का शिकार बनाना है तो यह गिरोह महाराष्ट्र के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके पश्चिम बंगाल के खाते में रकम डलवा देते थे.
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पटना पुलिस साल 2023 में 23 जून तक करीब 600 से अधिक मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर चुकी है. इन नंबरों से पटना के लोगों को कॉल या मैसेज कर ठगी की गयी या फिर उनके खाते से रकम की निकासी की गयी. लेकिन साइबर बदमाश फिर नये मोबाइल नंबर की जुगाड़ कर घटना को अंजाम दे रहे हैं.