पटना जिले में लगातार हो रही साइबर क्राइम की घटनाओं को लेकर विशेष टीम ने जांच की. टीम में एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर व दो सब इंस्पेक्टर के साथ चार कांस्टेबल को लगाया गया है. टीम की जांच में जो तथ्य सामने आये हैं, वे चौंकाने वाले हैं. सेक्सटॉर्शन, विदेशों में रहने वाले लोगों के परिजनों को फोन कर ठगी करने वाले गिरोह हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के सीमावर्ती इलाके से संचालित हो रहे हैं.
खास बात यह है कि साइबर बदमाशों का यह गिरोह गरीबों व मजदूर तबकों के दस्तावेजों पर खोले गये बैंक में खाते का इस्तेमाल जालसाजी के पैसों को मंगवाने के लिए कर रहे हैं. बेतिया, मोतिहारी व मधुबनी आदि जिलों के गरीबों को इन साइबर बदमाशों ने निशाने पर ले रखा है और उनके ही नामों के खाते का इस्तेमाल चंद रुपयों का लोभ देकर कर रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि साइबर क्राइम से जुड़े सरगना कभी भी नहीं पकड़े जाते हैं और पुलिस को केवल खाताधारक ही हाथ लगते हैं.
यह गिरोह इतना शातिर है कि घर से कभी भी सेक्सटॉर्शन या अन्य साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम नहीं देते हैं. बल्कि अपने घर से दूर खेतों से ही सारे गोरखधंधे को ऑपरेट करते हैं. इसके कारण पुलिस इनके सही लोकेशन पर नहीं पहुंच पाती है. साथ ही साइबर बदमाश तुरंत नंबर को भी बदल देते हैं.
साइबर अपराध की घटनाएं हो रही हैं और गिरोह के सरगना नहीं पकड़े जा रहे हैं. अब पटना पुलिस ने वैसे तमाम नंबरों को दूरसंचार कंपनियों के माध्यम से बंद करा दिया है, जिसके साइबर ठगी में इस्तेमाल की बातें सामने आयी है. यह एक तरह से साइबर अपराधियों के फोन करने के सिस्टम को नुकसान पहुंचाना है. अब तक पटना पुलिस 438 मोबाइल नंबरों को बंद करा चुकी है, जिनके संबंध में साइबर ठगी करने के दौरान इस्तेमाल करने की बातें सामने आयी है.
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यह गिरोह इतना शातिर है कि सेक्सटॉर्शन करने के साथ ही विदेशों में रहने वाले लोगों के अभिभावकों को फोन करके भी ठगी करते हैं. ये वैसे लोगों की लिस्ट का जुगाड़ कर लेते हैं, जिनके बच्चे या परिवार के कोई सदस्य विदेशों में रहते हैं. नंबर का इंतजाम होने के बाद ये लोग अभिभावकों को फोन कर यह बताते हैं कि उनका बेटे ने किसी को धक्का मार दिया है और उस पर केस हो गया है. केस को सुलझाने के लिए पैसे चाहिए. अगर नहीं देंगे तो उनके बच्चे को जेल हो जायेगी. अभिभावक के डर के कारण साइबर बदमाशों के खाते में मांगी गयी रकम भेज देते हैं.