बिहार के पेंशनधारकों पर साइबर शातिरों का कहर, चुराया दस लाख से अधिक डेटा, कई राज्यों को भेजा गया अलर्ट
साइबर शातिर जिसे भी कॉल करते हैं उनका पूरा डिटेल अपने पास रखते हैं ताकि उन्हें यकीन हो जाये कि फोन करने वाला पेंशन निदेशालय का कर्मी है. इसके बाद आसानी से पेंशनधारी को ठगी का शिकार बना सकें.
शुभम कुमार, पटना. अगर आप केंद्र व राज्य सरकार के पेंशनधारी हैं तो सावधान हो जाइये. साइबर क्राइम के शातिरों ने कई राज्यों के पेंशनधारियों का पूरा डेटा चुरा लिया है. इसको लेकर कई राज्यों की पुलिस ने बकायदा पत्र जारी कर अलर्ट जारी किया है. यही नहीं कई राज्यों में एसबीआइ के मुख्य शाखा से भी पेंशनधारियों को ठगी से बचाने के लिए सतर्क किया है. इओयू एसपी सुशील कुमार के अनुसार बिहार में दस लाख से अधिक पेंशनधारक हैं.
चुराते हैं ये जानकारियां
साइबर शातिर पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल कर रहे हैं. उनके पास पेंशन धारकों का पूरा डेटा जैसे नियुक्ति का दिनांक, सेवानिवृत्ति का दिनांक, पीपीओ नंबर (पेंशनभोगी भुगतान आदेश संख्या), आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, इ-मेल आइडी, सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि, मासिक पेंशन नॉमिनी आदि की जानकारी होती है. साइबर शातिर जिसे भी कॉल करते हैं उनका पूरा डिटेल अपने पास रखते हैं ताकि उन्हें यकीन हो जाये कि फोन करने वाला पेंशन निदेशालय का कर्मी है. इसके बाद आसानी से पेंशनधारी को ठगी का शिकार बना सकें.
जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के नाम पर मांगते हैं ओटीपी
शातिर पेंशन धारकों का पूरा डेटा बताते हुए उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं. एक बार जब पेंशनधारक फोन पर आये हुए ओटीपी को साझा कर देते हैं तो जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कंट्रोल मिल जाता है. इसके बाद वे पेंशन धारक के खाते में जमा समस्त राशि को तुरंत दूसरे फर्जी बैंक खातों” या ”वॉलेट” में स्थानांतरित कर देते हैं. अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है.
Also Read: संजय झा ने उठाया दरभंगा एयरपोर्ट पर एक कंपनी के एकाधिकार का मामला, बोले- मिले सबको मौका
पेंशन निदेशालय कभी भी जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपडेट नहीं कराता
जानकारी के अनुसार पेंशन निदेशालय कभी भी किसी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है और न ही ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करता है. जारी अलर्ट में पेंशनधारियों को बताया गया कि वह अपना जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर अपडेट करायें. इस तरह आने वाली फर्जी कॉलो से बचे. आर्थिक अपराध इकाई के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि पेंशनधारकों से ठगी के कई मामले आये हैं, जिसका निबटारा किया जा रहा है. पेंशनधारियों को जागरूक करने के लिए अलग से अवेयरनेस कैंपन चलाया जायेगा. पेंशनधारियों को जागरूक करने के लिए इओयू ने अलर्ट जारी किया है.