25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Cyber Fraud: गेमिंग ऐप के जरिए लोगों को ठग रहे अपराधी गिरफ्तार, अमेरिका और ब्रिटेन से हैं जुड़े हैं तार

पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान पुलिस ने लैपटॉप, चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन सहित लाखों का सामान बरामद किया. गिरफ्तार सभी अपराधी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं.

जमुई: गेमिंग एप के जरिए लोगों को ठगने वाले एक साइबर अपराधियों के गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ कर उसमें शामिल पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इस दौरान पुलिस ने लैपटॉप, चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन सहित लाखों का सामान बरामद किया. गिरफ्तार सभी अपराधी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं, जो पिछले 2 महीनों से जमुई में रहकर लगातार साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे और गेमिंग एप के जरिए लोगों को ठगी कर रहे थे.

अपराधियों के पास से 15 मोबाइल, 14 एटीएम सहित अन्य सामान बरामद

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि इआरएसएस डायल 112 की टीम को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति जमुई के सतगामा में अवस्थित श्रीराम अपार्टमेंट में रहकर साइबर फ्रॉड की घटना को अंजाम दे रहे हैं. डायल 112 की टीम के द्वारा साइबर थाना को सूचित किया गया तथा पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक छापेमारी टीम का गठन किया गया. उक्त टीम ने श्रीराम अपार्टमेंट में छापेमारी की इस दौरान पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. जिनकी पहचान छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिला के भिलाई शास्त्री चौक निवासी रविशंकर कुमार पिता सुरेंद्र साव, आनंद कुमार पिता हजारी सिंह, सोनू कुमार पिता स्व. गोपाल साव, हर्ष कुमार पिता हजारी साव तथा बिहार के सिवान जिला के आसार थाना क्षेत्र के सहसराय गांव निवासी संदीप कुमार पिता हरेंद्र गौड़ के रूप में किया गया है. इस दौरान पुलिस ने उन सभी अपराधियों के पास से 15 मोबाइल, फोन 3 लैपटॉप 16 चेक बुक एवं बैंक पासबुक 14 एटीएम बरामद किया है तथा विभिन्न खातों में करीब 9 लाख की राशि भी पाई गई है, जिसे पुलिस सीज करवा रही है.

Also Read: मुजफ्फरपुर: सभी कच्ची सड़कें होंगी पक्की, पाइपलाइन का होगा विस्तार, नगर निगम की मीटिंग में उठे कई अहम मुद्दे
सट्टेबाजी के नाम पर लोगों को बनाते थे ठगी का शिकार

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि छानबीन के क्रम में यह सामने आया है उक्त सभी अपराधी माइकल रेड्डी और रेड्डी बुक विड्रॉल के नाम से ऑनलाइन गेमिंग में लोगों को फंसाते थे. सट्टेबाजी के नाम पर पैसा लगाकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे. इस दौरान एक दो लोगों को पैसा भेज भी दिया जाता था तथा अधिक पैसा होने की स्थिति में हवाला के जरिए भी पैसों का लेनदेन किया जाता था. यह सब अपराधी माइकल रेड्डी के सहयोगी अनिल साव जो दुर्ग जिला के भिलाई थाना क्षेत्र के शारवी चौक का निवासी है, उसके कहने पर ही इन सभी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. जब इनके मोबाइल अकाउंट में पेमेंट रिसीव हो जाता था तो इन लोगों से कन्फर्मेशन लिया जाता था, फिर कस्टमर को उपलब्ध काम वाला नंबर दिया जाता था और इनको प्लेयर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराया जाता था. फिर उसी आईडी से प्लेयर गेम करते थे. हारने पर पैसा कंपनी को जाता था और जीतने पर पैसा प्लेयर के अकाउंट में भेज दिया जाता था.

अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़े हैं अंतरराज्यीय गिरोह के तार

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि अपराधियों का तार यूनाइटेड किंग्डम और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका से जुड़ा हुआ है. एसडीपीओ ने बताया कि अपराधी 1(507) तथा 447 कंट्री कोड वाले मोबाइल नंबर से फोन करते थे, जो यूके और यूएसए का है. अपराधियों ने पूछताछ में बताया है कि गिरोह के सरगना से इनकी कभी मुलाकात नहीं हुई है, केवल वर्चुअल तरीके से उससे बातचीत होती है. यह अमेरिका या यूके में बैठा हो सकता है. अपराधियों ने पुलिस के समक्ष दिए अपने बयान में कहा है कि अनिल साव के जरिए ही इनकी बातचीत उनसे हुई थी और यह सब तब से ही साइबर अपराध की घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं. अब तक लोगों को चुना लगा कर करीब 70 से 80 लाख की ठगी कर चुके हैं. पुलिस सभी मामले की छानबीन कर रही है.

Also Read: मुजफ्फरपुर: सभी कच्ची सड़कें होंगी पक्की, पाइपलाइन का होगा विस्तार, नगर निगम की मीटिंग में उठे कई अहम मुद्दे
दो महीने पहले आये थे जमुई, तब से कर रहे थे कारोबार

अपराधियों ने बताया कि करीब 2 महीने पहले यह सब जमुई आए थे और श्रीराम अपार्टमेंट में किराया का मकान लेकर रह रहे थे. जमुई में जिस प्रकार से साइबर अपराध की घटनाओं में इजाफा हुआ है उसी को देखते हुए तथा जमुई को सेफ जोन समझ कर सभी अपराधी जमुई आए थे और यहां छिपकर साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. लेकिन किसी ने इसकी सूचना ईआरएसएस डायल 112 की टीम को दी जिसके बाद इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो गया और पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. अपराधियों ने पुलिस को बताया कि 15 हजार रूपये की मासिक तनख्वाह पर काम करते थे और ठगी गई राशि से अपने हिस्से का पैसा काट कर बाकी पैसा खाते में फॉरवर्ड कर देते थे. इतना ही नहीं जिन खाते पर पैसा मंगाया जाता था वह अकाउंट भी उधार लिया जाता था. पुलिस ने जितने भी बैंक चेक बुक पासबुक अकाउंट तथा एटीएम कार्ड जब्त किया है वह सभी किसी अन्य व्यक्ति का है, जो इन लोगों ने उधार पर लेकर उसका इस्तेमाल ठगी के लिए किया था. पुलिस सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि छापेमारी दल में थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी, खैरा थानाध्यक्ष सिद्धेश्वर पासवान, जमुई अंचल पुलिस निरीक्षक सुशील कुमार सिंह, खैरा थाना के पुलिस अवर निरीक्षक मुरारी कुमार, साइबर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक ललित कुमार, साइबर थाना एवं डायल 112 के कर्मी तथा तकनीकी शाखा के कर्मी शामिल थे.

बिना वेरिफिकेशन के किराए पर ना दे किसी को कमरा: एसडीपीओ

इधर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि यह सभी अपराधी बीते 2 महीनों से एक कमरा किराए पर ले कर रहे थे और किसी को इसकी भनक भी नहीं लगी, यह सोचनीय है. उन्होंने कहा कि सभी मकान मालिक और होटल संचालक भी इस बात का पालन करें. किसी भी नई किराएदार के डाॅक्यूमेंट्स की जांच किए बगैर उनको किराए पर कमरा ना दें और अगर उन्हें कोई भी शक होता है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें. पुलिस से सभी लोगों की शिनाख्त कर उनके आधार कार्ड और अन्य प्रमाण पत्र की जांच करेगी तथा मामले में समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें