Cyber Fraud: पटना में हर माह खातों से उड़ाए जा रहे 80 लाख रुपये, फिर भी सतर्क नहीं हैं लोग, जानें बचाव के उपाय

साइबर बदमाश ठगी या खाते से पैसे निकासी के ट्रेंड को लगातार बदलते रहते हैं, जिससे आम आदमी उनके जाल में फंस जाते हैं और अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा बैठते हैं. सिर्फ पटना में ही साइबर बदमाश एक माह में लोगों के बैंक खातों से औसतन 80 लाख रुपये से अधिक की निकासी कर ले रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2023 12:33 AM

पटना जिले में साइबर बदमाश एक माह में लोगों के बैंक खातों से औसतन 80 लाख रुपये से अधिक की निकासी कर ले रहे हैं. इसके बावजूद एक भी साइबर बदमाश नहीं पकड़ा गया है. कुछ पकड़े भी गये हैं, तो वे साइबर बदमाश गिरोह से सीधे जुड़े सदस्य या सरगना नहीं थे, बल्कि किराये पर लिये गये खातों के धारक थे. साइबर बदमाश हर दिन दो से तीन लाख रुपये की निकासी या ठगी लोगों से कर रहे हैं. पटना के प्राय: सभी थानों में प्रतिदिन एक या दो साइबर अपराध से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. वर्ष 2021 में साइबर अपराध से जुड़े 1560 मामले इओयू में दर्ज किये गये थे, जबकि वर्ष 2022 में यह संख्या बढ़ कर 2400 हो गयी. यानी 840 अधिक मामले आये.

साइबर बदमाश लगातार बदलते रहते हैं ठगी व पैसे निकासी का ट्रेंड

साइबर बदमाश ठगी या खाते से पैसे निकासी के ट्रेंड को लगातार बदलते रहते हैं, जिससे आम आदमी उनके जाल में फंस जाते हैं और अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा बैठते हैं. हालांकि, पहले से पुलिस भी सतर्क हुई है और तुरंत ही साइबर बदमाशों के खातों को फ्रिज कर दे रही है. पटना पुलिस साइबर बदमाशों के 500 से अधिक मोबाइल नंबरों को बंद करा चुकी है. लेकिन, कई मामलों में प्राथमिकी समय से नहीं हो पाती है, जिससे बदमाश रकम निकालने में कामयाब हो जाते हैं.

लिंक भेज कर मोबाइल फोन को हैक कर निकासी के सबसे अधिक मामले

साइबर बदमाशों द्वारा किसी को लिंक भेज कर उसे क्लिक करने या उस लिंक के माध्यम से पांच रुपये भेजने के बाद खाते से रकम निकासी के सबसे अधिक मामले सामने आये हैं. इसके अलावा गूगल से सर्च कर किसी कंपनी के नंबर पर कॉल करने के बाद भी कई लोग ठगी के शिकार बन गये हैं, क्योंकि गूगल पर इन साइबर बदमाशों ने अपने नंबरों को डाल दिया है.

अप्रैल माह के कुछ मामले

  • 2 अप्रैल -पत्रकार नगर निवासी पीपीयू के जेई सरोज कुमार सिन्हा के खाते से एक लाख रुपये की निकासी

  • 6 अप्रैल -शेखपुरा आश्रम गली निवासी राकेश पटेल के खाते से 2.57 लाख रुपये की निकासी

  • 7 अप्रैल -कदमकुआं कुतुबद्दीन लेन निवासी रिजवान आलम के खाते से 1.89 लाख रुपये की निकासी

  • 13 अप्रैल-पश्चिमी लोहानीपुर निवासी विजेंद्र लाल के खाते से 5.90 लाख रुपये की निकासी

  • 16 अप्रैल -बिटकॉइन में निवेश कर लाखों कमाने का ऑफर देकर छात्र अमित से 22 लाख रुपये की ठगी

  • 19 अप्रैल -शिवपुरी निवासी कृष्ण कुमार वर्मा के खाते से 5.44 लाख रुपये की निकासी

  • 20 अप्रैल -सीआरपीएफ ऑफिसर बन कर महिला डॉक्टर व रामनगरी मोड़ निवासी सपना झा के खाते से 3.57 लाख की निकासी

बुधवार को ही 17.56 लाख रुपये की ठगी

  • रिवार्ड प्वाइंट का लालच देकर उत्तरी पटेल नगर निवासी भारतेंदु शेखर के खाते से 69,500 रुपये की निकासी कर ली.

  • छपरा के रहने वाले राकेश कुमार सिंह के खाते में आये लोन के 10.69 लाख रुपये को आधे घंटे में ही 9.98 लाख रुपये उड़ा दिये.

  • पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर गर्दनीबाग रघुनाथ टोला अनिसाबाद निवासी सुबन श्री से 1.26 लाख रुपये की ठगी कर ली.

  • डीडीए की फर्जी वेबसाइट बना कर बुद्धा कॉलोनी इलाके के रहने वाले अभय नाथ से फ्लैट के नाम पर 77,500 रुपये की ठगी कर ली

  • पाटलिपुत्र के श्याम इंक्लेव निवासी निशि अग्रवाल के खाते से साइबर बदमाशों ने दो बार में 35 हजार रुपये निकाल लिये.

  • कुम्हार टोली निवासी प्रशांत प्रकाश से ऑनलाइन रोजगार का झांसा देकर 4.50 लाख रुपये की ठगी कर ली.

सलाह

  • अगर आप सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हैं तो अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचे.

  • किसी प्रकार के नौकरी, रिवार्ड प्वाइंट, अधिक मुनाफे के काम के मैसेज पर ध्यान न दें.

  • किसी प्रकार के लिंक को क्लिक न करें और उसमें अपनी बैंक खाते से संबंधित जानकारी शेयर न करें.

  • किसी के बताने पर कोई भी एप को डाउनलोड न करें.

  • साइबर ठगी का शिकार बनने पर तुरंत ही संबंधित थानों को सूचित करें.

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क्या कहते हैं एसएसपी

एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ी है. इसे रोकने और इसमें शामिल लोगों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास जारी है. जिले में बने साइबर क्राइम सेल यूनिट को और प्रभावी बनाने के लिए एक्सपर्ट को तैनात किया जा रहा है. पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम से संबंधित मामलों की जांच व कार्रवाई के लिए प्रशिक्षित कराया जा रहा है. लोग भी अगर सतर्क रहें और अपने खाता से संबंधित जानकारी को शेयर न करें, तो काफी हद तक वे साइबर ठगी के शिकार होने से बच सकते हैं.

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