Cyber Fraud: पटना में कारोबारी को डॉक्टर का ऑनलाइन नंबर लगाना पड़ा भारी, खाते से निकल गए 1.87 लाख रुपये
पटना में ऑनलाइन डॉक्टर को नंबर लगाने के लिए कारोबारी ने गुगल पर सर्च किया. थोड़ी देर बाद एक अंजान नंबर से कॉल आया और कहा कि आपका नंबर लग गया है और आप शनिवार को आ कर दिखा लीजिए. इसके बाद पेमेंट के लिए QR कोड भेजा गया जिसे स्कैन करते उनके खाते रुपये उड़ गए.
पटना. फैमिली पार्टी में शामिल होने दिल्ली से पटना आए कारोबारी रवि भूषण को साइबर शातिरों ने 1.87 लाख रुपये का चूना लगा दिया. वह पटना के पत्रकार नगर के संजय गांधी नगर इलाके में पार्टी में आये थे. शुक्रवार को अचानक उनके बच्चे की तबीयत खराब हो गयी. इसके बाद वह तुरंत ऑनलाइन डॉक्टर को नंबर लगाने के लिए गुगल पर सर्च किया. थोड़ी देर बाद एक अंजान नंबर से कॉल आया और कहा कि आपका नंबर लग गया है और आपको शनिवार को आ कर दिखा लीजिए. कंकड़बाग के ही एक डॉक्टर के यहां नंबर लगाये थे.
क्यू आर कोड स्कैन करते ही खाते से 1.87 लाख रुपये निकाल गए
इसके बाद ऑनलाइन पेमेंट के लिए शख्स ने एक क्यू आर कोड भेजा, जिसे स्कैन करते ही उनके खाते से 1.87 लाख रुपये आठ बार में निकल गये. इस बात की जानकारी उन्हें अगले दिन हुई. जब वह उस डॉक्टर के पास पहुंचे तो पता चला कि वहां तो नंबर ही नहीं लगा है. इसके बाद उन्होंने जब नंबर पर कॉल किया तो स्विच ऑफ आ रहा था. इसके बाद जब वे अकाउंट देखा तो उसमें से रुपये कट चुके थे.
नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर की शिकायत
रवि भूषण ने बताया कि ठगी की ऑनलाइन शिकायत कर दी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवायेंगे. रविवार को वह परिवार के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गये. दरअसल रवि दिल्ली में चायपती का बड़ा बिजनेस करते हैं. उन्होंने बताया कि पैसा पंजाब के खाते में गया है.
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फ्लैट देने के ऑनलाइन विज्ञापन दे साइबर अपराधियों ने ठगी 54 हजार
इधर, साइबर अपराध का एक और मामला सामने आया. जहां गांधी मदान थाना के एग्जीबिशन राेड में रहने वाले प्रकाश कुमार काे किराये पर फ्लैट देने का ऑनलाइन विज्ञापन देना महंगा पड़ गया. एक आर्मी मैन ने उनके खाते में सेंध लगा दी और 54 हजार उड़ा लिये. इस बाबत प्रकाश ने गांधी मैदान थाना में केस दर्ज करा दिया. दर्ज केस में प्रकाश ने कहा है कि ऑनलाइन विज्ञापन देने के बाद आर्मी मैन बनकर लेफटिनेंट अक्षय कुमार ने वाटसएप से संपर्क किया. उसके बाद उन्होंने एग्रिमेंट के लिए पैन, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आर्मी का आईकार्ड वाटसएप कर दिया. फिर उन्होंने कैप्टन जरा सिंह का माेबाइल नंबर दिया और कहा कि चार माह का 40 हजार एडवांस और 14 हजार रंग-राेगन के लिए पेमेंट करेंगे. उन्होंने खाता नंबर भी लिया. बाद में खाते से रकम निकल गयी.