नवादा में तेलंगाना के चार साइबर फ्रॉड गिरफ्तार, तेलुगू व तमिल भाषियों को ठगने ने होता था इनका इस्तेमाल
तेलुगु और तमिल में फर्राटे से बातचीत करने वाले इन ठगों के जाल में आंध्र और तेलंगाना के लोग आसानी से फंस जाते थे. जानकारी के अनुसार, साइबर थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर वरिसलीगंज थाना क्षेत्र के झौर गांव में छापेमारी कर इन चारों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
नवादा. जिले की साइबर पुलिस ने तेलंगाना के चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया हैं. पुलिस के हत्थे चढ़े सभी साइबर अपराधी तेलुगू और तमिल भाषी भोले-भाले लोगों से सस्ते दर पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी किया करते थे. तेलुगु और तमिल में फर्राटे से बातचीत करने वाले इन ठगों के जाल में आंध्र और तेलंगाना के लोग आसानी से फंस जाते थे. जानकारी के अनुसार, साइबर थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर वरिसलीगंज थाना क्षेत्र के झौर गांव में छापेमारी कर इन चारों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है. इन साइबर अपराधियों के पास से 25 मोबाइल, चार आधार कार्ड, एक फ्लाइट का टिकट, 46 पन्ने का दस्तावेज और रोज की ठगी किये गये रुपये का हिसाब लिखी गयी डायरी को जब्त किया गया है.
पटेल कॉलोनी में किराये के मकान में रह रहे थे सभी साइबर अपराधी
पुलिस उपाधीक्षक सह साइबर थानाध्यक्ष प्रिया ज्योति ने बताया कि वरिसलीगंज थाना क्षेत्र के झौर गांव निवासी अखिलेश्वर प्रसाद के बेटे भूषण कुमार उर्फ ओम विकास रंजन ने तेलंगाना की फ्लाइट से चार साइबर ठगों को पटना बुलाया और फिर वहां से वारिसलीगंज लाया गया. इन ठगों के रहने से लेकर खाने पीने की व्यवस्था भूषण ही करता था. बाहर से बुलाये गये ठगों द्वारा धनी फाइनांस और इंडिया बुल्स से लोन दिलाने, गैस एजेंसी और सिंपल वन इलेक्ट्रिक स्कूटर की एजेंसी देने के नाम पर ठगी की जाती थी. गिरफ्तार सभी साइबर ठग वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के पटेल कॉलोनी में उसरी गांव के देव नारायण सिन्हा के बेटे ललन कुमार के यहां किराये के मकान में रहकर ठगी किया करते थे. पकड़े गये साइबर ठगों में तेलंगाना के महबूबनगर जिले के बोम्मरासीपेट मंडल थाना क्षेत्र के कवाली हरि कृष्णा, वैद्त्या गणेश, वैद्त्या अक्षय और मावत कल्लू नायक शामिल हैं. फिलहाल साइबर थाना पुलिस ने सभी साइबर ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. साइबर ठग गिरोह के मुख्य सरगना भूषण उर्फ ओम विकास रंजन की तलाश में साइबर थाना की पुलिस छापेमारी में जुट गयी है.
15 से 20 लोगों का ग्रुप करता था ठगी
साइबर पुलिस की गिरफ्त में आये तेलंगाना के चारों युवक एक ग्रुप में काम करते थे. इस ग्रुप में 15 से 20 सदस्य थे. इन चारों युवकों के अलावा बाकी सब लोकल लड़के थे. तेलंगाना के ठगों को ठगी का 20 प्रतिशत कमीशन के अलावा उनके ऐसे आराम के तमाम साधन उपलब्ध कराये जाते थे. गैंग का सरगना भूषण रोजाना की गयी ठगी का हिसाब किताब देखने के बाद ग्रुप के सदस्यों को उनकी अवैध कमायी के अनुसार भुगतान करता था. इसके लिए बजाप्ता एक रजिस्टर रखा गया था. उसी में यह लिखा रहता था कि आज किसने कितने की ठगी की है. पुलिस की दबिश के बाद लोकल लड़के तो भाग गये, लेकिन तेलंगाना के चारों युवक गिरफ्तार कर लिये गये.
आठ को रांची में होगी ज्वाइंट साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन टीम की बैठक
साइबर अपराध पर नियंत्रण और अंतरराज्यीय समन्वय के लिए आठ नवंबर को झारखंड के रांची शहर में ज्वाइंट साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन टीम (जेसीसीटी) की बैठक होगी. इस बैठक में बिहार सहित छह राज्यों झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साइबर टीम से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भाग लेंगे. बिहार से इस बैठक में एडीजी नैयर हसनैन खान, डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसपी सुशील कुमार, डीएसपी भास्कर रंजन के अलावा पटना, नालंदा एवं नवादा स्थित साइबर थानों के प्रभारी डीएसपी भी शामिल होंगे.