साइबर क्राइम के तहत खाते से रकम की निकासी या सेक्सटॉर्शन या हनी ट्रैप का मामला इन दिनों लगातार सामने आ रहा है. कई तरीके से झांसा में लेने के बाद साइबर ठग लोगों के खाते से रकम की निकासी कर रहे हैं. साथ ही साइबर बदमाशों ने पटना व बिहार के अन्य जिलों के कई लोगों को सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाया है.
पटना पुलिस लगातार आ रहे साइबर ठगी और सेक्सटॉर्शन मामले की जांच कर रही है. जांच में यह बात सामने आयी है कि पटना व आसपास के अधिकांश साइबर ठगी के मामलों में नालंदा, नवादा के बाद अब साइबर बदमाशों का गिरोह पंजाब, हरियाणा व राजस्थान से ऑपरेट किया जा रहा है. ठगी के शिकार हुए लोगों से जब पुलिस को मोबाइल नंबर और खाता नंबर मिला और उसकी जांच हुई, तब यह बात सामने आयी है. इन साइबर बदमाशों ने इन्हीं राज्यों की अलग-अलग जगहों से फोन किया और ठगी का शिकार बनाया.
पंजाब, राजस्थान व हरियाणा में सक्रिय गिरोह शातिर हैं. इस गिरोह का कनेक्शन पटना व बिहार के अन्य जिलों में है. पटना पुलिस की जांच में एक बात और सामने आयी है कि इस गिरोह ने विदेश में रहने वाले लोगों के भारत के अभिभावकों को भी अपना शिकार बनाया है. साथ ही उनसे ठगी की रकम को मधुबनी व बेतिया में खुले खाते में मंगवाया है. इन खातों को इस गिरोह ने बिहार के शातिरों की मदद से खुलवाया और ठगी की रकम आते ही निकासी कर लेते हैं. यह गिरोह अभिभावकों को फोन करता है और कहता है कि उनका बच्चा पुलिस केस में फंस गया है. जेल भेजा जा रहा है. बचाने के लिए और केस लड़ने के नाम पर उनसे पैसे की ठगी की जाती है.
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पटना के साथ ही पूरे देश में साइबर बदमाशों के नंबरों को ब्लॉक किया जा रहा है. पटना पुलिस ने अभी तक करीब 700 से अधिक ऐसे नंबरों को ब्लॉक कर दिया है, जिनके खिलाफ साइबर ठगी करने के मामले दर्ज किये गये हैं. इसके कारण साइबर बदमाशों ने अब ठगी के लिए कई तरह के एप के माध्यम से इंटरनेट कॉलिंग का सहारा ले लिया है.