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बिहार में औसतन 2000 लोग प्रतिदिन हो रहे ऑनलाइन ठगी का शिकार, 13 साल में दो हजार गुना बढ़ गया साइबर क्राइम

बिहार में ऑनलाइन लेन-देन पिछले 10 सालों में 20 गुना बढ़ गया है. इससे ज्यादा गति से साइबर अपराध के मामले सौ गुना बढ़ गये हैं. प्रदेश के 40 पुलिस जिलो में सबसे अधिक साइबर क्राइम पटना में हो रहा है.

अनुज शर्मा, पटना. बिहार में साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. राज्य भर में हर रोज औसतन दो हजार से अधिक लोग किसी न किसी तरीके से साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं. पिछले 13 साल में साइबर क्राइम के मामलों में दो हजार गुना बढ़ोतरी हुई है. 2011 में राज्य में साइबर क्राइम का सिर्फ एक मामला दर्ज हुआ था. वहीं, 2022 में दो हजार से अधिक मामले दर्ज किये गये. हालांकि, आधिकारिक आंकड़े अभी जारी नहीं हुए हैं. एक अनुमान के मुताबिक रोजाना एक करोड़ से अधिक की धनराशि बैंक अकाउंट या अन्य माध्यम से साइबर अपराधियों के खाते में पहुंच रही है. सरकार की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी- योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी और सेक्सटॉर्शन पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

राज्य में साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा लोग करते हैं इंटरनेट का इस्तेमाल

साइबर अपराधियों ने लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुके स्मॉर्ट फोन को ही अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया है. आपकी बातों और डेटा को आपके ही खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं. आपका बैंक अकाउंट ही खाली नहीं कर रहे, ब्लैकमेल भी कर रहे हैं. बिहार में करीब पांच करोड़ लोग स्मॉर्ट फोन और 5.54 करोड़ से अधिक लोग इंटरनेट यूजर हैं. इसी का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं.

हाइ स्टेटस वालों को बना रहे शिकार, वर्दी वाले भी नहीं बचे

साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए बिहार की नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) वर्तमान में साइबर अपराध से जुड़े 41 कांड का अनुसंधान कर रही है. इसमें सेक्सटॉर्शन के करीब दो दर्जन मामले हैं. राज्य की बात करें तो प्रतिदिन सैकड़ों लोग इसके शिकार हो रहे हैं, लेकिन पुलिस के पास औसतन तीस केस प्रतिमाह पहुंच रहे हैं. बिहार में इस तरह का पहला मामला दानापुर में सेना में कार्यरत एक व्यक्ति का सामने आया था. पटना के एक नामचीन व्यक्ति ने वाट्सएप वीडियो कॉल पर 10 से 15 सेंकेंड बात की, लेकिन साइबर अपराधियों ने इस बातचीत को पोर्नोग्राफी में तब्दील कर दिया और उस व्यक्ति से लाखों रुपये ठग लिये. साइबर ठगों के शिकार आम आदमी ही नहीं, बड़े अफसर, व्यापारी और यहां तक की पुलिस वाले भी हो रहे हैं.

जितनी एफआइआर, उसमें 36.4 फीसदी में ही चार्जशीट

बिहार में ऑनलाइन लेन-देन पिछले 10 सालों में 20 गुना बढ़ गया है. इससे ज्यादा गति से साइबर अपराध के मामले सौ गुना बढ़ गये हैं. प्रदेश के 40 पुलिस जिलों में सबसे अधिक साइबर क्राइम पटना में हो रहा है. राज्य में साइबर क्राइम की दर 1.1 प्रति लाख है, वहीं पटना की यह रेट 6.2 है. इसमें भी जिला पुलिस 14 फीसदी का ही निबटारा कर पा रही है. एफआइआर के मुकाबले 36.4 फीसदी ही चार्जशीट दाखिल किया जा रहा है. 2016 में साइबर अपराध के 309, 2017 में 433, 2018 में 374, 2019 में 1,050 और 2020 में 1,512 मामले दर्ज किये गये.

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ठगी के बदलते तरीके : फिशिंग, केबीसी, गिफ्ट कार्ड, 5जी- फेस्टिवल ऑफर….

साइबर फ्रॉड की बात करें तो पहले फिशिंग कॉल आता था. इसके बाद केबीसी आया. लोग साइबर अपराध काे लेकर थोड़े जागरूक हुए तो अमेजन गिरफ्ट कार्ड के मैसेज से ठगी होने लगी. इसके बाद बिजली बिल बकाया होने से कनेक्शन कटने के मैसेज के जरिये भी खूब ठगी हुई. बिजली कटने का डर दिखाकर बिहार में करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी होने का अनुमान है. लेटेस्ट फ्रॉड मोबाइल के नेटवर्क को 4जी से 5 जी में अपग्रेड करने का मैसेज देकर ठगी की जा रही है. मोबाइल यूजर मुफ्त में 5जी की लालच में मैसेज पर भेजे लिंक पर क्लिक कर खुद काे ठगी का शिकार बना रहे हैं. ठग डाटा भी इससे चुरा रहे हैं. केआइए का डीलर बनाने , पवंन हंस आनलाइन एयर टिकट , चारधाम यात्रा, यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर की बुकिंग के नाम पर भी ठगी हो रही है.

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