पटना. बिहार में बालू के अवैध खनन के खेल में शामिल पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई होने जा रही है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सरकार ने भोजपुर और औरंगाबाद के पूर्व एसपी समेत 41 अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराने का फैसला किया है.
सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई को आदेश दिया है. गौरतलब है कि आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को सरकार ने बालू माफिया से पुलिस-प्रशासन के अधिकािरयों की सांठगांठ की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. इओयू ने जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी है.
इस अाधार पर भोजपुर के एसपी रहे राकेश दुबे और औरंगाबाद के एसपी रहे सुधीर कुमार पोरिका को पद से हटाया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय में याेगदान करने को कहा गया है. इन दोनों अधिकारियों के अलावा कई जिलों के डीएसपी, एसडीओ, एमवीआइ, डीटीओ और जिला खनन पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुइ है और उनका तबादला किया गया है.
अवैध बालू खनन में कई सीओ की संलिप्तता पाये जाने के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंतरिक निगरानी सेल के अधिकारी एक्टिव मोड में आ गये हैं. सभी जिलों से ऐसे अधिकारियों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं.
सूत्रों के अनुसार, विभाग को स्पेशल ब्रांच ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें पूरा ब्याेरा दिया गया है कि प्रभारी अंचल अधिकारी कैसे मजिस्ट्रेट का रुतबा दिखाकर बालू खनन में भ्रष्टाचार कर रहे हैं. इसी रिपोर्ट के आधार पर कोइलवर, फुलवारीशरीफ विक्रम, बिहटा व घोसी के सीओ को हटाया गया था.
राज्य में बालू के अवैध खनन और कार्रवाई के बीच एनजीटी की टीम ने शुक्रवार को रोहतास, भोजपुर और सारण जिले में जांच की है. साथ ही अवैध बालू खनन सहित पूरे कारोबार पर कार्रवाई की जानकारी ली है. अपनी जांच में एनजीटी ने भी माना है कि राज्य में इन दिनों बालू का अवैध खनन और कारोबार हो रहा था. हालांकि, इस पर लगातार कार्रवाई भी हो रही है.
बालू के अवैध खनन का यह हाल तब है, जब एनजीटी के निर्देशों के अुनसार फिलहाल तीन महीने के लिए नदियों से खनन बंद है. एनजीटी की टीम ने 13 जुलाई को रोहतास, 14 को भोजपुर और 15 जुलाई को सारण जिले के बालू घाटों का दौरा किया था. टीम ने पाया कि उसके निर्देशों के बावजूद नदियों में बालू का अवैध खनन हो रहा था, जिस पर राज्य सरकार ने समय-समय पर कार्रवाई की.
निरीक्षण करने के दौरान एनजीटी की टीम के साथ खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक गोपाल मीणा, संबंधित जिलों के पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और खान एवं भूतत्व विभाग के जिलास्तरीय पदाधिकारी शामिल रहे.
Posted by Ashish Jha