बिहार के कई गांवों को मिलेगी बाढ़ से मुक्ति, सरयू से जुड़ेगी दाहा नदी, प्रोजेक्ट को मंजूरी का इंतजार
नदी जहां बरसात के महीने में तबाही मचाती थी, वहां बांध को बनाकर सुरक्षित कर दिया जायेगा. इससे गोपालगंज जिले के कुचायकोट, थावे व उचकागांव प्रखंड के अलावे सीवान जिले के 42 गांवों को हर साल आने वाली बाढ़ से भी मुक्ति मिल जायेगी.
संजय कुमार अभय, गोपालगंज. यूपी के अहिरौलीदान के पास गंडक से निकल कर सीवान जिले में सरयू को जोड़ने वाली दाहा नदी को संजीवनी देने के लिए जल संसाधन विभाग ने 125 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है. विभाग ने 179 किमी लंबी नदी को नया जीवन देने के लिए तैयार डीपीआर की टेक्निकल सेल से मंजूरी भी ले ली है. अब डीपीआर को एनडब्ल्यूडीए (नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी) के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है.
15 मई तक मिल जाएगी मंजूरी
विभाग को भरोसा है कि 15 मई तक प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल जायेगी. इसके बाद गंडक से सरयू नदी को जोड़ने के लिए कार्य तेज हो जायेगा. इससे पूरे साल दाहा नदी में पानी उपलब्ध रहेगा. नदी जहां बरसात के महीने में तबाही मचाती थी, वहां बांध को बनाकर सुरक्षित कर दिया जायेगा. इससे गोपालगंज जिले के कुचायकोट, थावे व उचकागांव प्रखंड के अलावे सीवान जिले के 42 गांवों को हर साल आने वाली बाढ़ से भी मुक्ति मिल जायेगी. इसके लिए जल संसाधन विभाग ने होमवर्क पूरा कर लिया है. गंगा फ्लड कंट्रोल कमीशन से भी मंजूरी प्रकियाधीन है.
यूपी से निकलती है दाहा नदी
दाहा नदी यूपी के अहिरौलीदान से निकलकर गोपालगंज जिले के सल्लेहपुर से होकर उचकागांव ब्लॉक के बदरजीमी के पास सीवान जिले में प्रवेश करती है. इसके बाद सीवान शहर से गुजरते हुए 179 किमी की दूरी तय कर सारण के जई छपरा होकर ताजपुर के फुलवरिया में सरयू नदी में समाहित होती है.
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डीएम ने की पहल, तो दिखने लगा असर
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने दाहा नदी की दुर्दशा को गंभीरता से लिया. डीएम की पहल पर मनरेगा की टीम ने भी आकर सर्वे का काम किया. पिछले वर्ष सचिव स्तर के तीन अधिकारियों की टीम ने सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी. उसके बाद डीएम के स्तर से लगातार विभाग में मॉनीटरिंग की गयी. डीएम की पहल का असर अब दिखने लगा है. नदी को संजीवनी मिलने की उम्मीदें जगी हैं.